भागलपुर पुल हादसा: SDRF की टीम कर रही है निगरानी, गंगा में चार बोट तैनात
बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा अगुवानी घाट-सुलतानगंज पुल, रविवार की शाम एक बार फिर से गिर गया. इससे पहले भी पिछले वर्ष अप्रैल महीने में आंधी में ये पुल गिर गया था.
बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा अगुवानी घाट-सुलतानगंज पुल, रविवार की शाम एक बार फिर से गिर गया. इससे पहले भी पिछले वर्ष अप्रैल महीने में आंधी में ये पुल गिर गया था. हादसे बाद पुल के आसपास चौकसी बढ़ा दी गयी है. सुल्तानगंज एसडीआरएफ के एसआई बीरेंद्र कुमार ने बताया कि हादसे के बाद से गंगा नदी में एसडीआरएफ की 4 नावें तैनात की गयी हैं. नदी के दोनों किनारों पर दो-दो नावें हैं. इनसे लगातार निरीक्षण किया जा रहा है.
इपीसी मोड में काम कर रही है निर्माण एजेंसी
अगुवानी घाट-सुलतानगंज पुल का निर्माण इपीसी (इंजीनियरिंग, प्रॉक्यूरमेंट, कंस्ट्रक्शन) मोड पर हो रहा है. यानी, कार्य एजेंसी खुद से इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग व कंस्ट्रक्शन वर्क कर रही है. कार्य एजेंसी के बनाये गये डिजाइन पर यह पुल बन रहा है और हाल यह है कि इसका सुपर स्ट्रक्चर टिक नहीं रहा है. एक्सपर्ट इंजीनियर की मानें, तो पुल निर्माण निगम से बने डिजाइन पर अगर पुल बन रहा होता, तो यह नौबत नहीं आती. इपीसी मोड के क्लाॅज में बदलाव आना चाहिए. 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट पर होनेवाले काम को इपीसी मोड़ में डाल दे रहा है. इससे डिजाइनिंग की जिम्मेदारी कार्य एजेंसी को मिल जा रही है.
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कार्य एजेंसी के डिजाइन को आइआइटी से मिली है मंजूरी
अगुवानी घाट-सुलतानगंज पुल के डिजाइन को आइआइटी से मंजूरी मिली है. एक्सपर्ट इंजीनियर के अनुसार कार्य एजेंसी डिजाइन तैयार करने के साथ इसके वेरिफिकेशन के लिए आइआइटी के तीन इंजीनियरों के नामों को प्रस्तावित करता है, जिसमें से एक काे संबंधित विभाग चयनित करता है. चयनित आइआइटी के इंजीनियर से डिजाइन का वेरिफिकेशन कराया जाता है. जैसा कि उक्त पुल का डिजाइन वेरिफिकेशन के बाद मंजूरी मिली है और इस पर पुल बन रहा है. हालांकि, बिना जांच के कहा नहीं जा सकता है कि क्यों बार बार पुल का स्ट्रक्चर गिर जा रहा है.