भागलपुर (ब्रजेश): पहले स्थायी बाइपास की लंबाई 16 किलोमीटर हुआ करती थी. सड़क नयी-नयी बनी थी और लोगों को सहूलियत भी हो रहा था, तो विभाग द्वारा वसूला जानेवाला टोल टैक्स लोग दे भी रहे थे. लेकिन लंबाई के नाम पर बाइपास अब सिर्फ पांच किलोमीटर रह गयी है, बावजूद इसके टोल टैक्स की वसूली बदस्तूर जारी है. न तो टोल टैक्स वसूली पर स्थानीय प्रशासन ने रोक संबंधी कोई पहल की है और न ही विभाग ने इस दिशा में कदम उठाया है.
बता दें कि इस बाइपास रोड पर कार चालक को पहले की तरह ही 40 रुपये का भुगतान एक बार बाइपास पर गुजरने का करना पड़ रहा है. इस राशि में सड़क की लंबाई घटने के बाद कोई तब्दीली तक नहीं की गयी है. वैसे आम लोगों का कहना है कि वह महज पांच किलोमीटर की सड़क पर चलने के लिए टोल टैक्स क्यों दे, जब बाइपास नाम की सड़क ही नहीं रही.
बाइपास रोड का एक बड़ा हिस्सा यानी 11.1 किमी रोड (नाथनगर-दोगच्छी किमी 124.4 से लोदीपुर किमी 135.6 के बीच ) मुंगेर-मिर्जाचौकी के बीच बन रहे नये फोरलेन में चला गया है. एनएच विभाग ने एनएचएआइ को बाइपास के इस हिस्से की रोड को हैंडओवर कर दिया है. एनएचएआइ ने भी रोड को टेकओवर कर बाइपास रोड की जगह फोरलेन बना रहा है. कार्य प्रगति पर है.
बाइपास के नाम पर बचे पांच किमी लंबी सड़क पर संचालित टोल प्लाजा पर टोल टैक्स तो भर रहे हैं, मगर गाड़ियां फोरलेन से गुजर रही है. क्योंकि, जिस टोलरेबल लेंथ के लिए टैक्स लिया जा रहा है, वह अब फोरलेन है.
तकरीबन चार हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले फोरलेन के लिए दो जगहों पर टोल प्लाजा बनेगा और आनेवाले दिनों में वाहनों से टोल टैक्स वसूली की जायेगी. ऐसे में बाइपास के नाम पर बची पांच किमी सड़क पर स्थित टोल प्लाजा रह गया तो वाहन चालों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ेगी. फोरलेन के लिए टोल टैक्स देना ही होगा, इस पर चढ़ने से पहले भी उन्हें टैक्स भरना पड़ेगा. फाेरलेन के लिए रसलपुर-मिर्जाचौकी के बीच दो जगह टोल प्लाजा का निर्माण होगा.
बाइपास सड़क कभी चलने लायक नहीं रहा. इसके निर्माण के कुछ दिनों बाद से ही सड़क टूटने लगी थी. दिन बीतता गया और सड़क की स्थिति खराब होती चली गयी. जब तक इसका बेहतर तरीके से दुरुस्तीकरण का कार्य होता, उससे पहले कार्य एजेंसी का एग्रीमेंट पूरा हो गया. हालांकि, दो साल तक कार्य एजेंसी डिफेक्ट लैबलिटी परियड के तहत मेंटेनेंस कराया गया, लेकिन सड़क की स्थित सुधरी नहीं. बाइपास रोड चार साल पहले साल 2019 में बनी है. इसके निर्माण पर 230.70 करोड़ खर्च हुआ है. इसका फिर से निर्माण के लिए प्रपोजल भेजा, तो मिनिस्ट्री ने स्वीकृत नहीं किया. एनएच विभाग ने दो कांट्रैक्टर को किसी तरह से राजी कर गड्ढे भरवा दिये, लेकिन यह भी ज्यादा दिनों तक नहीं चली. अभी अब बाइपास में यह शामिल हो गया है, तो इससे एनएच विभाग को छूटकारा मिल गया है.
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बाइपास : जीरोमाइल से दोगच्छी
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लंबाई : 16.73 किमी
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एनएचएआइ को हस्तांतरित : 11.02 किमी (नाथनगर दोगच्छी किमी 124.4 से लोदीपुर किमी 135.6 के बीच )
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बाइपास के नाम पर बचा रोड : 5.71 किमी
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टोल प्लाजा : बाइपास के बचे हुए पांच किमी रोड पर हो रहा संचालित
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कार, जीप, वैन व लाइट व्हीकल : 40 रुपये (सिंगल जर्नी)
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बस या ट्रक (दो एक्सल) : 150 रुपये
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अप टू थ्री एक्सल : 160 रुपये
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चार से छह एक्सल : 240 रुपये
बाइपास का 11.1 किमी रोड एनएचएआइ को हैंड ओवर कर दिया गया है. टोल प्लाजा संबंधी कोई भी निर्णय एनएचएआइ लेगा- अनिल कुमार सिंह, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, नेशनल हाइवे वर्क सर्किल, भागलपुर
बाइपास रोड को फोरलेन में शामिल कर निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इस फोरलेन में टू-लेन बाइपास ही होगा. टोल प्लाजा पर वाहनों से चार्ज लेकर अभी राज्य सरकार के खाते में भरते हैं. आगे निकट भविष्य के बारे में तो पता नहीं मगर, यह टोल प्लाजा अभी रहेगा- प्रमोद महतो, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ