बिहार के भागलपुर में बढ़ते जा रहे कैंसर के मामले, 9 महीने के अंदर दो दर्जन से अधिक मरीज मिले, जानिए वजह..
बिहार के भागलपुर में कैंसर के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. नौ माह में कैंसर के 28 मरीज मिले हैं. पिछले नौ माह में 20746 लोगों में कैंसर की जांच की गयी जिनमें 28 मरीजों में कैंसर की बीमारी कंफर्म की गयी. जानिए किस क्षेत्र में मरीज अधिक मिले हैं...
गौतम वेदपाणि , भागलपुर
कैंसर रोग विशेषज्ञों की चेतावनी है कि आने वाले समय में देश को कैंसर जैसी घातक बीमारियों की सुनामी झेलनी पड़ सकती है. उन्होंने इसकी वजह भारतीय आबादी के बीच तेजी से बढ़ रही खराब लाइफस्टाइल व तंबाकू की लत बतायी है. ऐसे हालात बिहार समेत भागलपुर जिले में दिखाई दे रहे हैं.
28 मरीजों में कैंसर की बीमारी
होमी जहांगीर भाभा कैंसर हॉस्पिटल व रिसर्च सेंटर मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में मायागंज अस्पताल में चल रहे कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक में रोजाना तीन तरह के कैंसर की स्क्रीनिंग चल रही है. कैंसर केयर क्लिनिक से मिली जानकारी के अनुसार पिछले नौ माह के अंदर 20746 लोगों की जांच की गयी है. इनमें 6344 पुरुष व 14402 महिलाएं हैं. नवंबर 2022 से लेकर अगस्त 2023 तक 28 मरीजों में कैंसर की बीमारी कंफर्म हो चुकी है. इनमें सबसे अधिक 17 मुंह के कैंसर के मरीज हैं. इसके अलावा महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के छह और गर्भाशय के मुंह यानी सर्वाइकल कैंसर के चार मरीज मिले. एक अन्य मरीज में लीवर के कैंसर की पहचान हुई.
भागलपुर समेत पूरे राज्य में कैंसर मरीजों की स्क्रीनिंग
कैंसर केयर क्लिनिक की डीटीओ डॉ श्रुति सागर ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर भागलपुर समेत पूरे राज्य में कैंसर मरीजों की स्क्रीनिंग चल रही है. मायागंज अस्पताल में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए बने डे केयर सेंटर में बायोप्सी व कीमोथेरेपी भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इंसान का शरीर खरबों कोशिकाओं से बना हुआ है. शरीर का छोटे से बड़ा अंग करोड़ों कोशिकाओं से मिलकर बनता है. ये कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं. लेकिन जब शरीर की कोशिकाएं जरूरत के बिना अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगे तो कैंसर की शुरुआत होती है.
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सिर्फ तीन तरह के कैंसर की हो रही जांच
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ पंकज मनस्वी ने बताया कि इस समय बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर तीन तरह के कैंसर की जांच हो रही है. इनमें ओरल, सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर की जांच हैं. इसके अलावा ब्लड, फेफड़े व अन्य तरह के कैंसर के लक्षण मिलते ही मरीजों को बिहार के तीन अस्पताल में रेफर किया जाता है. इनमें रिजनल कैंसर सेंटर आइजीआइएमएस पटना, महावीर कैंसर संस्थान पटना व होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर हैं. उन्होंने बताया कि कैंसर स्क्रीनिंग अभियान में तेजी लाने के लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन होगा. कमेटी के सदस्य नियमित रूप से अभियान में तेजी लाने के लिए जिम्मेदार होंगे.
कैंसर बीमारी के भयावह हो रहे हालात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 2020 से 2022 के बीच अनुमानित कैंसर के मामले और इससे होने वाली मृत्यु दर में वृद्धि हुई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार, 2020 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कैंसर के अनुमानित मामले 2020 में 13. 92 लाख (लगभग 14 लाख) थे जो 2021 में बढ़कर 14.26 लाख हुए और 2022 में बढ़कर 14.61 लाख पर पहुंच गये थे. 2020 में भारत में कैंसर के कारण अनुमानित मृत्यु दर 7.70 लाख (लगभग सात लाख 70 हजार) थी जो 2021 में बढ़कर 7.89 लाख और 2022 में बढ़कर 8.8 लाख हो गयी थी.
इन इलाकों में मिल रहे अधिक मरीज
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सबौर
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नवगछिया
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जगदीशपुर
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पीरपैंती
(नोट : पूर्णिया, बांका व मुंगेर जिले के भी कुछ मरीज मिले हैं)