सेंट्रल सिल्क बोर्ड के 10 कर्मियों का हुआ तबादला, कर्मचारियों में कार्यालय बंद होने की चर्चा
सेंट्रल सिल्क बोर्ड कार्यालय (Central silk board) के कर्मचारियों का कहना है कि आठ माह पहले सेंट्रल सिल्क बोर्ड का ऑफिस हटाने की तैयारी थी, लेकिन विरोध के बाद रुक गया था. अब तो ऑटोमेटिक ऑफिस बंद हो गया है.
भागलपुर: सेंट्रल सिल्क बोर्ड अंतर्गत बुनियादी तसर रेशम कीट के 10 स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया गया. कुशल प्रक्षेत्र कामगार यमुना पंडित का ट्रांसफर मधुपुर कर दिया गया तो मनोज कुमार सिंह का ट्रांसफर पूर्णिया कर दिया गया. स्थानांतरण को लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. साथ ही कार्यालय स्वत: बंद होने की भी चर्चा है.
कार्यालय बंद होने की चर्चा
इस मामले में सेंट्रल सिल्क बोर्ड कार्यालय के रकर्मचारियों का कहना है कि आठ माह पहले सेंट्रल सिल्क बोर्ड का ऑफिस हटाने की तैयारी थी, लेकिन विरोध के बाद रुक गया था. अब तो ऑटोमेटिक ऑफिस बंद हो गया है. जिला उद्योग केंद्र के जीएम संजय कुमार वर्मा का कहना है कि यह कार्यालय केंद्र सरकार से संचालित होता है. ऐसे में कार्यालय बंद हुआ है, इसे कंफर्म नहीं कहा जा सकता. हालांकि कार्यालय को बंद करने की चर्चा है.
बुनकरों को भी कार्यालय बंद होने का संदेह
यहां के बुनकरों को भी संदेह है कि कोकून उत्पाद सह प्रशिक्षण केंद्र को कोकुन उत्पाद व प्रशिक्षण केंद्र को अन्य जगह स्थानांतरित किया गया है. यह तैयारी एक साल से चल रही है. स्थानीय लोगों व बुनकरों का विरोध नहीं हो, इसलिए धीरे-धीरे इसकी प्रक्रिया चल रही है. बुनकर प्रतिनिधि मो इबरार अंसारी ने कहा कि इससे बुनकरों को सीधे क्षति पहुंचेगी. प्रदेश ही नहीं झारखंड के लोग भी सिल्क कीट का पालन करने का प्रशिक्षण लेते थे. बुनकर प्रतिनिधि नेजाहत अंसारी ने कहा कि यह यहां के बुनकरों के लिए नाइंसाफी है. एक कर्मचारी ने यहां तक कहा कि इस कार्यालय को असम या बेंगलुरु में शिफ्ट किया जा सकता है.
‘कार्यालय के स्थानांतरण पर लगे रोक’
वहीं, बुनकर प्रतिनिधि मो. सोइन अंसारी, मो सिकंदर, आफताब आदि ने कहा कि कार्यालय के स्थानांतरण की जानकारी लेंगे. इसके बाद उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से रोक लगाने की गुहार लगायेंगे. इससे पहले भी उद्योग मंत्री के पास इसकी शिकायत की गयी थी. उद्योग मंत्री ने कार्यालय के स्थानांतरण पर रोक लगाने का दावा किया था.