भागलपुर में ताक पर कोरोना प्रोटोकॉल, वैक्सीन खत्म और जांच बंद, बड़ी मुसिबत में फंसेगे लोग
भागलपुर के सरकारी अस्पताल से लेकर सार्वजनिक जगहों पर अब कोरोना प्रोटोकॉल ताक पर चला गया है. सरकारी अस्पताल के ओपीडी में जो मरीज आते हैं उनकी अब कहीं भी कोरोना जांच नहीं हो रही है. मास्क से भी मरीजों एवं आम लोगों की दोस्ती खत्म सी हो गयी है.
भागलपुर के सरकारी अस्पताल से लेकर सार्वजनिक जगहों पर अब कोरोना प्रोटोकॉल ताक पर चला गया है. सरकारी अस्पताल के ओपीडी में जो मरीज आते हैं उनकी अब कहीं भी कोरोना जांच नहीं हो रही है. मास्क से भी मरीजों एवं आम लोगों की दोस्ती खत्म सी हो गयी है. ऐसे में कहीं अस्पताल से ही कोरोना संक्रमण की शुरुआत न हो जाये यह आशंका पैदा हो गयी है. स्टेशन परिसर से भी कोरोना जांच शिविर को हटा लिया गया है.
अब ओपीडी में इलाज कराने से पहले कोरोना जांच जरूरी नहीं
सरकार ने कोरोना को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसके बाद सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज कराने से पहले कोरोना जांच जरूरी कर दी गयी थी. दस दिन तक इस नियम का पालन सख्ती से किया गया. अब ओपीडी में इलाज कराने से पहले कोरोना जांच कराना जरूरी नहीं है. यही हाल स्टेशन में लगे कोरोना जांच शिविर का हुआ. पांच दिन तक यहां जांच की गयी. अब यहां जांच के लिए कोई नहीं है. शिविर लगा है मगर जांच करने वाला कोई नहीं है. यात्री दूर दराज से घुम फिरकर आराम से आ जा रहे हैं.
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वैक्सीन आने की संभावना नहीं
जिले में कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन कब आ रही है. इसकी जानकारी विभाग के किसी भी अधिकारी को नहीं है. जिला प्रतिरक्षण कार्यालय ने वैक्सीन मुख्यालय से मांग रखी है. एक माह से ज्यादा का वक्त गुजरने वाला है, अब तक वैक्सीन यहां नहीं आयी है. एक अधिकारी ने बताया कि वैक्सीन की फाइल अभी अधिकारियों के पास प्रोसेस में घुम रही है. ऐसे में लोगों की सुरक्षा पूरी तरह से भगवान के हाथों में है. अगर इस बीच जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ता है तो इसके लिए सरकार के साथ आमलोग भी जिम्मेवार होंगे.