भागलपुर : वरिष्ठ अधिवक्ता सह बिहार स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी रेणु देवी की हत्या मामले का खुलासा किये जाने का दावा पुलिस ने किया है. बताया जाता है कि तिलकामांझी के नवाबबाग कॉलोनी स्थित आवास पर अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और नौकरानी रेणु की हत्या मामले में पुलिस ने दारोगा के बेटे गिरफ्तार किया है.
मालूम हो कि वरिष्ठ अधिवक्ता सह बिहार स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष 80 वर्षीय कामेश्वर पांडेय और उनकी 50 वर्षीय नौकरानी रेणु देवी की हत्या गुरुवार को कर दी गयी थी. घटना की जानकारी लोगों को शुक्रवार की सुबह उससमय हुई, जब उनका ड्राइवर पंकज उन्हें कोर्ट ले जाने उनके आवास पर पहुंचा.
संथाल नरसंहार और विजिलेंस के स्पेशल पीपी के रूप में काम कर चुके थे कामेश्वर पांडे
अधिवक्ता कामेश्वर पांडे ने क्रिमिनल एडवोकेट के रूप में भागलपुर में ही नहीं, बिहार और झारखंड में अपनी अलग पहचान बना चुके थे. आपराधिक मामलों के कई बड़े केस वह लड़ चुके थे. बिहार के अलावा झारखंड में भी केस लड़ने के लिए वह जाते थे. कामेश्वर पांडे संथाल नरसंहार के (झुरखुरिया कांड) में भी विशेष लोक अभियोजक के रूप में काम कर चुके थे. साथ ही विजिलेंस कोर्ट में विजिलेंस का मामला चल रहा था, तो उससमय भी वह स्पेशल पीपी थे.
यूपी के फैजाबाद से आकर तिनटंगा में बसे थे अधिवक्ता के वंशज
मृत कामेश्वर पांडेय मूलरूप से नवगछिया के गोपालपुर थाना क्षेत्र स्थित तिनटंगा करारी गांव के रहनेवाले थे. वहीं, उनके पूर्वज वर्षों पहले यूपी के फैजाबाद से आकर तिनटंगा में बसे थे. कामेश्वर पांडेय ने वकालत की बदौलत भागलपुर में शोहरत कमायी और शहर की नवाबबाग कॉलोनी में अपना मकान बना लिया. वह अपने घर में अपने 21 वर्षीय पोसपुत्र ईशु पांडेय और 22 वर्षों से घर में रह रही उनकी नौकरानी रेणु देवी के साथ रहते थे.
बीसीसीएल में कार्यरत पति प्रदीप चौबे के साथ धनबाद में रहती हैं उनकी इकलौती बेटी
अधिवक्ता की इकलौती बेटी धनबाद स्थित बीसीसीएल में कार्य कर रहे पति प्रदीप चौबे के साथ रहती हैं. वहीं, नाती और नतिनी विदेश में पढ़ाई करते हैं. कामेश्वर पांडेय तीन भाइयों में मंझले थे. उनके बड़े भाई सुरेश पांडेय तिनटंगा में ही रहते थे. उनका देहांत 1995 में हो गया था. उनके छोटे भाई उमेश पांडेय भी पेशे से अधिवक्ता हैं. अपने पूरे परिवार के साथ वह नवाबबाग कॉलोनी में ही अलग मकान बनाकर रहते हैं. कामेश्वर पांडेय के आवास स्थित चेंबर में लगी एक तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर उनकी बड़ी भाभी ने बताया कि यह तस्वीर शारदा पांडेय जी की है. कामेश्वर पांडेय उन्हें ही वकालत में अपना गुरु मानते थे. देखा जाये तो कामेश्वर पांडेय की निजी जिंदगी के बारे में लोगों को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं थी. लेकिन, मोहल्ले के लोगों का कहना था कि मोहल्ले के सभी लोगों के घरों में में होनेवाले सभी तरह के कार्यक्रमों में वह हिस्सा लेते थे. मोहल्ले में होनेवाली परेशानियों और उसके हल पर भी वह लोगों से विचार विमर्श करते थे.