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बिहार: भागलपुर में DPO को पीटने वाले हेडमास्टर भेजे गए जेल, अफसरों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग हुआ अलर्ट

बिहार के भागलपुर में एक हेडमास्टर ने डीपीओ की पिटाई कर दी. जिसके बाद आरोपित हेडमास्टर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया. वहीं अब शिक्षा विभाग भी अलर्ट हो गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी सख्ती दिखायी है. शिक्षा विभाग से जानिए क्या मांग की गयी..

Bihar News: भागलपुर जिला स्थापना कार्यालय में डीपीओ (जिला परियोजना पदाधिकारी) देवनारायण पंडित के साथ मारपीट करने के आरोपित शिक्षक शिव पासवान को बरारी पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय में उपस्थित कराया. इसके बाद हेडमास्टर को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. सोमवार को डीपीओ के साथ हेडमास्टर ने उनके कार्यालय में मारपीट की थी.उनके नाक से खून तक बहने लगा था और वो चोटिल हो गए थे. घटना की जानकारी मिलते ही डीपीओ स्थापना कार्यालय के सभी कर्मी आक्रोशित हो गये और आरोपी एचएम को स्थापना कार्यालय में ही बंद कर दिया था. बाद में पुलिस को बुलाकर आरोपित हेडमास्टर को सौंप दिया गया था. आरोपी हेडमास्टर शिव पासवान सुलतानगंज के उर्दू मध्य विद्यालय घोरघट में पदस्थापित हैं. घटना के बाद डीपीओ स्थापना देवनारायण मंडल ने बरारी थाना पहुंच कर मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. आरोपित एचएम पर गाली-गलौज, मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया था. मामले में आरोपित हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया गया था.

इधर शिक्षा विभाग भी एक्शन में

घटना के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी सख्ती दिखायी है. उन्होंने जिला शिक्षा विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि कार्यालय में आकर इस तरह के घटना को अंजाम देना कहीं से जायज नहीं है. मारपीट के आरोपित शिक्षक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की तैयारी चल रही है. सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे को लेकर विभाग को पत्र लिखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि अधिकारी के चेंबर के आगे सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति की जायेगी. साथ ही साथ कार्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंग. उन्होंने बताया अभी कुछ जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. उसे और भी बेहतर बनाया जायेगा.

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तीन साल से नवस्थापित जिला स्कूल में चल रहा है शिक्षा विभाग का कार्यालय

तीन साल से जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय खिरनी घाट स्थित नव स्थापित जिला स्कूल और डायट परिसर में चल रहा है. तीन साल में नया शिक्षा भवन को बनाना था. लेकिन टेंडर होने के बाद भी नहीं बनने की वजह से पुनः दोबारा टेंडर प्रक्रिया की जा रही है. संभावना है कि 2025 में शिक्षा भवन बन कर तैयार हो जाएगा.

घटना को लेकर शिक्षा विभाग के कर्मियों में रोष

घटना के बाद से शिक्षा विभाग के कर्मियों में रोष देखा जा रहा है. मंगलवार को शिक्षा विभाग के तमाम कार्यालयों की स्थिति पहले की तुलना में बदली नजर आयी. पहले शिक्षक या आम लोग किसी भी कार्यालय में बिना रोक टोक के घुस जा रहे थे. लेकिन मंगलवार को पदाधिकारियों या कर्मियों से मिलने आये लोगों से कर्मियों द्वारा पूछताछ की जा रही थी. लोगों से पदाधिकारी से मिलने का कारण भी पूछा जा रहा था.

क्या है पूरा मामला..

शिक्षा विभाग के कर्मियों से मिली जानकारी के अनुसार एचएम तीन नवचयनित शिक्षकों को लेकर जिला स्थापना कार्यालय नियुक्ति कराने पहुंचे थे. कर्मियों ने बताया कि 21 नवंबर से ही नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी जो सात दिसंबर तक चली है. सात को नियुक्ति का पोर्टल बंद हो गया. आरोप है कि एचएम तीनों की नियुक्ति कराने का दबाव बना रहे थे. इसी क्रम में एमएच व डीपीओ के बीच विवाद हो गया. एचएम ने तैश में आकर गाली-गलौज व पिटाई कर दी. कर्मियों ने बताया कि शिव पासवान 1994 बैच के शिक्षक हैं. वर्ष 1999 में उसने जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ भी मारपीट का प्रयास किया था. बीएलओ की बैठक में एचएम ने एक आईएएस अधिकारी के साथ भी अभद्र व्यवहार किया था.

शिक्षक का आरोप, डीपीओ ने अभद्र शब्दों का किया प्रयोग

डीपीओ की पिटाई के मामले में आरोपित शिक्षक शिव पासवान ने बताया कि कार्यालय में आवेदन देने के लिए आये थे. कंप्यूटर कर्मचारी से बात कर रहे थे. इसी क्रम में डीपीओ स्थापना मौके पर पहुंचे. मामले में उनसे बात की. शिक्षक ने आरोप लगाया है कि डीपीओ ने अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए मौके से चले जाने को कहा. इसके बाद उनसे बहसबाजी हुई. शिक्षक शिव पासवान ने बताया कि मारपीट का आरोप गलत व निराधार है. शिक्षक ने बताया कि नवनियुक्त शिक्षक नेहा भारती को योगदान पत्र के लिए 22 नवंबर 2023 को आवेदन दिया था. लेकिन कार्यालय से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी. कार्यालय कहा गया कि व्हाट्स एप पर सूचना दे दी गयी है. इस बाबत सोमवार को फिर से आवेदन देने के लिए शिक्षा विभाग आये थे. लेकिन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी आवेदन लेने से मना कर दिया.

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