भागलपुर में जलापूर्ति समस्या बढ़ती ही जा रही है. जलस्तर भी नीचे गिरता जा रहा है. नगर निगम के संबंधित जिम्मेदार मानते हैं कि 24 बोरिंग अलग-अलग कारणों से फेल हो गया है. लाखों लोगों के बीच पेयजल संकट गहरा गया है. इसे लेकर नगर निगम अंतर्गत विभिन्न वार्डों के जनप्रतिनिधि से लेकर आमलोगों के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
शहर में कोई वार्ड अछूता नहीं है, जहां पानी संकट नहीं है. जिस घर में समरसेबल लगा है, उस घर से पानी लेकर लोग काम चला रहे हैं. शहर की 80 फीसदी आबादी इस समस्या से जूझ रही है.
वार्ड एक के मसकन बरारी में बोरिंग फेल हो गया है. इससे यहां की दो हजार से अधिक की आबादी के बीच पेयजल संकट है. वार्ड चार के अनाथालय परिसर में प्याऊ के बोरिंग में मोटर पंप फंसा हुआ है, जिससे बोरिंग फेल है. वार्ड 15 में पार्षद के घर के समीप बोरिंग फेल है. इसी वार्ड में जब्बारचक में भी बोरिंग फेल है. इन क्षेत्रों में 10 हजार से अधिक की आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है. इसके अलावा कई अन्य अलग अलग जगहों पर भी बोरिंग फेल कि समस्या है. वार्ड 19 अंतर्गत रामसर चौक सहित वार्ड 21 में कांग्रेस ऑफिस, महादलित टोला में एक बोरिंग फेल है. वार्ड 40 अंतर्गत मोजाहिदपुर थाना के समीप बोरिंग में मोटर फंसा हुआ है. इसी वार्ड के जरलाही में महीनों से बोरिंग फेल है. यहां के लोगों ने बार-बार मांग उठायी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. लोगों को एक-एक किलोमीटर तक पानी लाना पड़ रहा है.
नगर निगम कार्यालय का भी बोरिंग फेल है. पूरे शहर की मूलभूत समस्या का ख्याल करने वाला नगर निगम खुद जलापूर्ति संकट से जूझ रहा है. यहां भी पीने के लिए बाहर से जार वाला पानी मंगाना पड़ रहा है. यहां प्रतिदिन 300 से 500 लोग अपनी समस्या के समाधान को लेकर पहुंचते हैं, जबकि यहां 50 से अधिक कर्मचारी व पदाधिकारी कार्यरत हैं.
गोलाघाट में प्राय: पानी की दिक्कत रहती है. इससे पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है. पानी के लिए बच्चों को भटकना पड़ रहा है. दीपनगर मोहल्ले व घाट रोड में कभी सप्लाइ वाटर गंदा आताा है तो कभी पानी ही नहीं आता. मोहल्ले में अधिकतर आर्थिक रूप से पिछड़े लोग रहते हैं. पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है. सभी को पानी खरीदना संभव नहीं है. वारसलीगंज में वर्षों से पेयजल संकट है. यहां जलमीनार बनाया गया है, लेकिन इसका पानी सभी लोगों को नहीं मिल पा रहा है.