स्मार्ट बन रहा है भागलपुर, बिहार का पहला साइकिल ट्रैक बना शहर का नया आकर्षण
जेल की चारदीवारी के किनारे 850 मीटर लंबा ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है. स्मार्ट सिटी योजना से साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया गया है. भविष्य में साइकिल ट्रैक और आकर्षक दिखेगा.
भागलपुर. सिल्क सिटी भागलपुर धीरे-धीरे स्मार्ट बन रहा है. बिहार का पहला साइकिल ट्रैक भागलपुर में बनाया गया है. शहर की नयी पहचान बन चुका साइकिल ट्रैक 13 अगस्त को लोकार्पित हुआ है. साइकिल ट्रैक का आम लोग धीरे-धीरे इस्तेमाल करने लगे हैं. हवाई अड्डा मार्ग पर 1650 मीटर साइकिल ट्रैक का निर्माण होना है.
हवाई अड्डे से कैंप जेल के बीच 800 मीटर का कार्य पूरा हो गया है. साथ ही, जेल की चारदीवारी के किनारे 850 मीटर लंबा ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है. स्मार्ट सिटी योजना से साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया गया है. भविष्य में साइकिल ट्रैक और आकर्षक दिखेगा.
शहरी क्षेत्र में धरातल पर उतर रहे हैं विकास कार्य
स्मार्ट सिटी ने एक कदम आगे बढ़कर कार्य किया है. शहरी क्षेत्र में विकास कार्य धरातल पर उतर रहे हैं. करीब 800 मीटर में बने साइकिल ट्रैक पर लोगों को साइकिल चलाते काफी सहूलियत हो रही है. अभी बेशक छात्र इसका इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं, लेकिन आनेवाले दिनों में यहां खिलाड़ी भी साइकिलिंग का अभ्यास कर सकेंगे.
बिहार में साइकिल ट्रैक नहीं होने से खिलाडि़यों को दूसरे राज्य में जाकर प्रशिक्षण लेना पड़ता था. ऐसे में यहां साइकिल ट्रैक बन जाने से खिलाडि़यों को काफी सहूलियत होगी. साइकिल ट्रैक को लाल रंग के टाइल्स से बनाया गया है. लोगों के टहलने के लिए भी नाले की स्लैब पर चेकर्स टाइल्स बिछाई गई हैं, जिससे लोग सुबह साइकिल ट्रैक के बगल में टहल सकेंगे.
सड़क पर जहां-तहां कूड़ा नहीं फेंकने की अपील
डिप्टी मेयर सलाहउद्दीन अहसन ने कहा कि साइकिल ट्रैक शहरवासियों को नई सौगात मिली है. लोग इसका इस्तेमाल करें. स्वच्छता के साथ साइकिलिंग कर स्वस्थ रहने का संदेश दे रहा नगर निगम ने भागलपुर के लोगों से अपील की है कि वे सड़क पर जहां-तहां कूड़ा नहीं फेंकें. मेयर वसुंधरा लाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए साइकिल ट्रैक का उपयोग करना चाहिए.
ट्रैक के किनारे पेड़ों की हरियाली में साइकिल चलाते वक्त प्राकृतिक नजारों का आनंद मिलेगा. इसके संचालन के लिए एजेंसी का चयन किया जाएगा, जिनके पास साइकिल नहीं होगी वह मामूली शुल्क देकर साइकिलिंग कर सकेंगे. एजेंसी के चयन व शुल्क निर्धारण पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा.