Bihar: भागलपुर जेल में बंद कैदियों के लिए ठंड के कपड़े व कंबल लेकर पहुंचने लगे परिजन, सताने लगी फिक्र

Bihar: भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद कैदियों के लिए अब उनके परिजनों की फिक्र बढ़ गयी है. ठंड बढ़ने लगे तो कैदियों के परिजन उनके लिए गर्म पकड़े और कंबल वगैरह लेकर पहुंचने लगे. जेल गेट पर उनकी भीड़ लगी रही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2022 3:02 PM

Bihar News: बिहार में ठंड ने दस्तक दे दी है. पछुआ हवा की रफ्तार तेज रहने से न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज हो रही है. लोगों ने अपना स्वेटर और ऊनी कपड़े अब बाहर निकालना शुरू कर दिया है. अहले सुबह और देर शाम ठंड में इजाफा देखने को मिलता है. जबकि दिनभर मिठी धूप लोगों को ताजगी देता रहता है. वहीं जब ठंड ने अब अपनी रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ा दी है तो भागलपुर की जेल में बंद कैदियों के परिजनों को भी उनकी चिंता सताने लगी है.

कैदियों के लिए स्वजनों में बढ़ी चिंता

भागलपुर का न्यूनतम तापमान सोमवार को 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. अगले तीन दिनों में और पारा गिरने की संभावना है.पछुआ हवा से सिहरन भरी ठंड में इजाफा हुआ है. तत्काल पछुआ उत्तरी हवा के साथ जारी रहने की संभावना है. वहीं ठंड की वजह से अब जेलों में बंद कैदियों के लिए भी उनके स्वजनों में फिक्र बढ़ती जा रही है. सोमवार को बड़ी तादाद में कैदियों के परिजन भागलपुर के कैम्प जेल पहुंचे. वो जेल में बंद अपने परिजन कैदी के लिए ठंड के ऊनी कपड़े और चादर-कंबल साथ ले गये थे.

सताने लगी सेहत की फिक्र

प्रभात खबर डिजिटल की टीम ने जेल पहुंचे कैदियों के परिजनों से बात की. कैदियों की फिक्र करते हुए उनके परिजनों ने कहा कि अब ठंड बढ़ने लगी है. हमारे अपने लोग जो जेल में बंद हैं उनकी सेहत की अब फिक्र हो रही है. कई लोगों ने बताया कि उनके जो परिजन अंदर कैद हैं, उन्हें ठंड में कुछ बीमारियों से भी परेशानी बढ़ती है. इसलिए जबतक ठंड रहेगी, एहतियात बरतना बेहद जरुरी है.

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गर्म कपड़े व चादर-कंबल पहुंचाने आए 

कैदियों को गर्म कपड़े व चादर-कंबल पहुंचाने सोमवार को दूर-दराज से लोग पहुंचे थे. आरा से आए मोहन कुमार ने बताया कि उनके पिता भागलपुर के विशेष केंद्रीय कारा में बंद हैं. उन्हें एक जमीन विवाद मामले में इस जेल में बंद किया गया है. मोहन ने बताया कि पिता को ठंड में काफी परेशानी होती है इसलिए शुरुआती समय में ही उन्हें ठंड के कपड़े पहुंचाने आए हैं.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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