दीपक राव, भागलपुर
गांगा के तीर पर बसे छोटे से गांव से निकल कर जब कोई बड़ी सफलता हासिल करते हैं तो उससे न केवल उनका हौसला सातवें आसमान पर पहुंच जाता है अपितु इलाके के होनहार विद्यार्थियों के लिए वे एक उदाहरण बन जाते हैं और दूसरों को अपनी सफलता भी करीब दिखने लगती है. भागलपुर के लाल श्रीकृष्ण कुमार ठाकुर की नियुक्ति भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड-भेल के बोर्ड में निदेशक के रूप में हुई है. नियुक्ति के बाद मंगलवार को श्री ठाकुर ने सार्वजनिक क्षेत्र के इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम के निदेशक-मानव संसाधन के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है. बड़े भाई राजीवलोचन ठाकुर ने बताया कि नवगछिया के रंगरा निवासी दिवंगत अनिरुद्ध ठाकुर के छोटे पुत्र श्रीकृष्ण कुमार ठाकुर की स्कूली शिक्षा पकरा हाई स्कूल से हुई. उनके पिता इस स्कूल में हेडमास्टर के रूप में कार्यरत थे. श्रीकृष्ण ठाकुर भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा-आइआरपीएस के 1998 बैच के अधिकारी हैं.
श्रीकृष्ण कुमार ठाकुर को संस्कृत से बेहद लगाव रहा. ऐसे में टीएनबी कॉलेज से संस्कृत से प्रथम श्रेणी से स्नातक किया. इसके बाद संस्कृत से ही तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी से स्नातकोत्तर किया. फिर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) से मानव संसाधन (पीजीडीएम-एचआर) में विशेषज्ञता के साथ प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया.
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श्रीकृष्ण ठाकुर 10 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. उनके एक बड़े भाई प्रो अशोक ठाकुर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में प्राध्यापक हैं. श्रीकृष्ण ठाकुर बीएचईएल में पदभार ग्रहण करने से पहले मुख्य कार्मिक अधिकारी के रूप में मध्य रेलवे के मानव संसाधन और प्रशासन कार्य के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे. उनके पास भारतीय रेलवे के साथ-साथ अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में मानव संसाधन मामलों और प्रशासन को संभालने का 25 वर्षों का समग्र और व्यावहारिक अनुभव है. अपने लंबे करियर में श्री ठाकुर ने तीन महत्वपूर्ण रेलवे डिविजनों-सोलापुर, भोपाल और मुंबई के मानव संसाधन विभागों का नेतृत्व किया है. इस दौरान उन्होंने मुंबई डिविजन के 35 हजार कर्मचारियों के सभी मानव संसाधन संबंधी मामलों को संभाला. पश्चिम रेलवे के रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने लगभग बारह हजार कर्मचारियों की भर्ती का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया.
राइट्स के साथ सेकेंडमेंट पर कार्य करते हुए, उन्होंने सऊदी अरब में ट्रेन ऑपरेशन के एक विदेशी परियोजना में काम किया और कार्य वीजा (आईक्यूएएमए) जारी करने, मानव पूंजी जुटाने और संसाधनों के कुशल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. इससे निर्धारित समय सीमा के अंदर ग्राहक की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सका. एक मानव संसाधन पेशेवर के रूप में श्री ठाकुर को सौहार्दपूर्ण औद्योगिक संबंध बनाए रखने और कॉर्पोरेट जिम्मेदारियों को पूरा करने के साथ-साथ समग्र संगठनात्मक परिप्रेक्ष्य में कॉर्पोरेट और सरकारी कामकाज के लिए दीर्घकालिक प्रणालीगत सुधार का श्रेय दिया जाता है.