भागलपुर के इकलौते फ्लाईओवर लोहिया पुल की स्थिति हुई जर्जर, जवाबदेह नहीं दे रहे ध्यान…खुद बचाएं अपनी जान

Bhagalpur news: भागलपुर शहर के इकलौते फ्लाई ओवर लोहिया पुल की स्थिति जर्जर हो चुकी है. इससे पहले 68 लाख की लागत से मेंटेनें सकराया गया था. लेकिन रेल ट्रैक के उपरी हिस्से पर काम नहीं हुआ था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 20, 2022 3:36 AM

Bhagalpur news: शहर के इकलौते फ्लाइओवर लोहिया पुल के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी जितनी पीडब्ल्यूडी विभाग की है, उतनी रेलवे की भी है. बावजूद, इसके दुरुस्तीकरण को लेकर जवाबदेह गंभीर नहीं है. रेल ट्रैक के ऊपर का हिस्सा रेलवे में आता है और बाकी पीडब्ल्यूडी के पास है. तीन साल पहले इसका मरम्म पीडब्ल्यूडी ने कराया था ,लेकिन रेलवे के ऊपरी हिस्से में काम नहीं हुआ था. कुछ जगहों पर सड़क निर्माण का कार्य नहीं कराया गया था, लेकिन ठेका एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, तब कोरोना महामारी फैली हुई थी. 68 लाख से कराया गया काम आधा अधूरा हुआ था.

कराया गया आधा अधूरा काम

वर्तमान में यह पुल फिर से जर्जर हो गया है. रेलिंग टूटी हुई है. फुटपाथ क्षतिग्रस्त है, जिस पर राहगीरों का चलना मुश्किल गया है. एक्सपेंशन ज्वाइंट की गेपिंग पर गाड़ियां बड़ी मुश्किल से पार करती है. बीच पुल से मोजाहिदपुर तरफ गाड़ियों को मुड़ना आसान नहीं रह गया है. मोड़ पर ही गड्ढे बन गये हैं, जिससे हर गाड़ियां बचकर गुजरने से आड़े-तिरछे हो जाती है और जाम लग जाता है. एक बार जाम लग जाने के बाद गाड़ियाें की लंबी कतार लग जाती है और आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है. लोगों को रास्ता बदल कर चलने की मजबूरी बन जाती है.

पहले दो विभागों के बीच चल रहा था खींचतान

लोहिया पुल वर्ष 2006 में चालू हुआ था. इसका 16 सालों में एक बार 2019 में रखरखाव कार्य हुआ है और वह आधा-अधूरा. इससे पहले मेंटेनेंस का कार्य को लेकर पुल निर्माण निगम और एनएच विभाग बीच वॉलीबॉल का खेल होते रहा. दोनों में से कोई इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा था कि उन्हीं को मेंटनेंस कराना है. पुल निर्माण निगम कह रहा था कि पुल बनाकर एनएच विभाग को हैंड ओवर कर दिया है और एनएच विभाग यह कह कर टाल दे रहा था कि लिखित में कोई हैंडओवर व टेक ओवर की प्रक्रिया पूरी नही हुई है. उन्होंने पुल निर्माण निगम से लिखित मांगा, तो वह भी उपलब्ध नहीं करा सका था. तेजस्वी यादव जब पथ निर्माण मंत्री बने थे और भागलपुर दौरे पर आये थे, तो उन्होंने इस झगड़े को सुलझाया था और जवाबदेही एनएच विभाग को तय की थी.

एनएच विभाग को नहीं मिला था ठेकेदार

पुल मेंटेनेंस की जवाबदेही जब एनएच विभाग की तय हुई, तो उन्हें ठेकेदार ही नहीं मिला. इस कारण चार से पांच बार टेंडर रद्द कर दोबारा निकाला पड़ा. फिर भी ठेकेदार नहीं मिले. तब मुख्यालय ने 68 लाख का आवंटन स्वीकृत कर मरम्मत कराने की जवाबदेही पीडब्ल्यूडी को सौंप दी थी.

क्षतिग्रस्त रेलिंग का भी नहीं हो सका है मरम्मत

सालभर पहले ट्रक के धक्के से क्षतिग्रस्त पुल के रेलिंग की भी मरम्मत अबतक नहीं करायी जा सकी है. लोहिया पुल का रेलिंग तोड़ते हुए बालू लदा ट्रक अनियंत्रित होकर मोजाहिदपुर बिजली सब-स्टेशन परिसर में गिर गया था. मोजाहिदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. क्षतिपूर्ति के लिए ट्रक मालिक पर आठ लाख रुपया जुर्माना भी किया गया था. बिजली कंपनी ने सब स्टेशन के क्षतिग्रस्त चहारदीवारी का उसी वक्त मरम्मत करा दिया था मगर, पीडब्ल्यूडी ने अबतक इसकी मरम्मत नहीं करायी है.

फुटपाथ क्षतिग्रस्त, पुल पर फिर जमे फल बिक्रेता

पुल का फुटपाथ कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है. स्टेशन से पुल पर चढ़ने, पुल से पटल बाबू रोड की तरफ उतरने और अलीगंज की ओर वाले पहुंच पथ की तरफ पुल पर बने फुटपाथ कई जगहों पर टूट गये हैं, तो कहीं गायब हैं. वहीं, पुल पर रिक्शे, ठेले, फल बेचने वालों का फिर से जमावड़ा लगने लगा है. इससे पुल पर गंदगी भी बढ़ गयी है और रास्ता संकरा हो गया है.

पुल पर अवैध ऑटो स्टैंड खाली नहीं करा सकी पुलिस

पुल पर अवैध ऑटो स्टैंड को पुलिस खाली नहीं करा सकी है. यही नहीं, बस स्टैंड से निकलने वाली बसें भी पैसेंजर लेने के लिए पुल पर आकर खड़ी हो जाती है. इसे भी पुलिस मना नहीं कर सकी है. जबकि, अस्थायी रूप से पुलिस शिविर है. वक्त-वे-वक्त पुलिस की गश्ती गाड़ी भी घंटों खड़ी रहती है.

लोहिया पुल एक नजर में

  • पुल का निर्माण : साल 2006

  • पुल का मरम्मत : साल 2019

  • पुल निर्माण पर खर्च : 25.05 करोड़ रुपये

  • उत्तरी छोर : पटलबाबू रोड तरफ लंबाई पहुंच पथ के साथ : 140.55 मीटर

  • दक्षिणी छोर : अलीगंज तरफ लंबाई पहुंच पथ के साथ 173.99 मीटर

  • पश्चिमी छोर : स्टेशन तरफ लंबाई पहुंच पथ के साथ 137.55 मीटर

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