भागलपुर. कोरोना की तीसरी लहर में तीन दिन के अंदर दस से ज्यादा बच्चे संक्रमित हो गये. इनमे कोरोना संकमण का लकण नहीं दिख रहा है. जिससे ये बच्चे बड़े की तुलना में तेजी से ठीक हो रहे है. जिले में नवगछिया, इंग्लिस, भीखनपुर, उर्द बाजार व बरारी में रहने वाले बच्चे संकमित हुए है. इनमे तीन साल के बच्चे से लेकर 17 साल के किशोर शामिल है.
भीखनपुर में एक ही परिवार के दो बच्चे संकमण का शिकार हो गये है. स्वास्थ्य विभाग लगातार इन सभी के हेल्थ की जानकारी ले रहा है. कंट्रोल रूम से भी लगातार इन पर नजर रखी जा रही है. बताया जा रहा है कि ये बच्चे सामान्य मौसमी बीमारी के लक्षण के साथ बीमार है. इन्हें सर्दी व खांसी के अलावा और किसी तरह की गंभीर परेशानी नहीं है. हालांकि परिवार में पहले से बड़े सदस्य पॉजिटिव है. कहा जा रहा है कि संकमण की भी यही वजह है.
जेएलएमसीएच के पीजी शिशु रोग विभाग के पूर्व एचओडी प्रो डॉ आरके सिन्हा कहते है कि बच्चे संकमण का शिकार तो हो रहे है, लेकिन कोरोना वायरस गले के अंदर से शरीर में नहीं जा पा रहा है. गले तक ही यह वायरस रह रहा है. इसकी वजह कोरोना वायरस अब इतना ताकतवर नहीं होना है. बच्चों के फेफड़े में पहले से ही रोग प्रतिरोधिक क्षमता काफी होती है.
बच्चों का शरीर रोग को खुद से बड़े की तुलना में तेजी से ठीक कर लेता है. जन्म के समय ही कुदरत ने बच्चों के फेफड़े में एसीआइ-2 यानी एजियोटनेसिन कनवर्टिग एंजाइम नामक केमिकल दे रखा है. इसकी वजह से वायरस बच्चों के शरीर के अंदर जा नहीं पाता है. यह केमिकल जैसे जैसे बच्चे बड़े होते है, धीरे-धीरे खत्म होते जाता है.
भागलपुर जिले मे एक बार फिर से चलंत आरटीपीसीआर जांच सेवा 10 जनवरी से शुरू हो जायेगी. बात दें कि कोरोना संकमण की दूसरी लहर में यह वैन भागलपुर पहुंची थी, लेकिन उस समय जिले में लगभग कोरोना संकमण खत्म हो चुका था. अब एक बार फिर इस सेवा की शुरुआत की जायेगी. इस वैन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर के अंदर रखा जायेगा. एजेसी के लैब टेकनीशियन लोगों का सैंपल लेकर जांच करेंगे. सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया की इस वैन संचालक को हर दिन 2500 आरटीपीसीआर व 90 जांच मशीन से करनी होगी. जांच रिपोर्ट रोजाना शाम को कार्यालय में जमा करना होगा.