भागलपुर: सदर अस्पताल को एक साल पहले एक मात्र हड्डी के चिकित्सक मिले थे. जिसके बाद सप्ताह में तीन दिन अस्पताल में हड्डी रोग का ओपीडी शुरू हुआ. लेकिन मंगलवार को सदर अस्पताल में एक मात्र हड्डी के चिकित्सक डाॅ मनोज कुमार गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया. हालांकि मंगलवार को ओपीडी में आये सौ से ज्यादा मरीजों का इलाज इन्होंने किया, फिर सभी से विदा लेकर अपने घर निकल गये.
बता दें कि डॉ. मनोज ओपीडी में एक माह में कम से कम एक हजार मरीजों का इलाज किया करते थे, इसके अलावा माह में तीस से चालीस प्लास्टर भी करते थे. बता दे इससे पहले भी इएनटी के चिकित्सक ने यहां सेवा देने के तुरंत बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इस वजह से आज तक इएनटी के मरीजों को इलाज की सुविधा सदर अस्पताल में बेहतर तरीके से नहीं मिल पा रहा है. इन दोनों चिकित्सकों के जाने के बाद अस्पताल में अब 16 चिकित्सक बचे है, जिसमें चार चिकित्सक प्रतिनियुक्त पर है. वहीं आधे से ज्यादा चिकित्सकों पर विभिन्न विभाग का भार भी है.
डॉ. मनोज ने बताया कि निजी कारणों से इस्तीफे दे रहे हैं. मंगलवार को अंतिम बार हमने सदर अस्पताल में आये मरीजों को अपनी सेवा दी. इस इस्तीफे के पीछे और कोर्इ वजह नहीं है. वहीं अस्पताल प्रभारी डॉ. राजू कुमार ने बताया की डॉ. मनोज का इस्तीफा हमें मिला है. जिसे सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा को भेज दिया है. अंतिम निर्णय अब सीएस ही लेंगे.
डॉ. मनोज गुप्ता ने जब से सदर अस्पताल में योगदान दिया था. उसी समय से हड्डी का ओपीडी सिविल सर्जन ने आरंभ कराया. सप्ताह में तीन दिन यह सेवा मरीजों को मिला करता था. हड्डी रोग के विशेषज्ञ होने की वजह से इनके ओपीडी में मरीजों की संख्या सौ से ज्यादा हुआ करता था. इसके अलावा जिन मरीजों को प्लास्टर करने की जरूरत होती थी यह काम भी ये किया करते थे. अब परेशानी उन मरीजों को होने वाली है जो अपना इलाज इनसे कराया करते थे. सदर अस्पताल में हड्डी के चिकित्सक होने की वजह से मरीज मायागंज अस्पताल नहीं जाकर यहीं आ जाया करते थे.
सदर अस्पताल प्रभारी डॉ. राजू ने बताया की इनके इस्तीफे के बाद हड्डी के रोगी को परेशानी नहीं हो इसके लिए व्यवस्था की जायेगी. हड्डी आेपीडी में सामान्य रोग का इलाज पूर्व में मरीजों को मिले इसकी व्यवस्था होगी.