भागलपुर में दिखेगा अयोध्या नगरी का श्रीराम मंदिर व कोलकाता का दक्षिणेश्वर काली मंदिर का स्वरूप
Bhagalpur news: स्मार्ट सिटी भागलपुर के लोग इस बार दुर्गा पूजा में अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर व कोलकाता स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर का भव्य स्वरूप देखेंगे. मारवाड़ी पाठशाला प्रागंण में जुबक संघ की प्रस्तुति श्रीराम मंदिर व सत्कार क्लब की दक्षिणेश्वर काली मंदिर होगा.
भागलपुर, ललित किशोर मिश्र: स्मार्ट सिटी भागलपुर के लोग इस बार दुर्गा पूजा में अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर व कोलकाता स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर का भव्य स्वरूप देखेंगे. मारवाड़ी पाठशाला प्रागंण में जुबक संघ की प्रस्तुति श्रीराम मंदिर व सत्कार क्लब की दक्षिणेश्वर काली मंदिर होगा.
श्रीराम मंदिर और दक्षिणेश्वर काली मंदिर का भव्य स्वरूप देने में कारीगर लग गये हैं. श्रीराम मंदिर के स्वरूप को देने के लिए कोलकाता के डायमंड हार्बर और बजबज से कारीगर आये हैं, वहीं दक्षिणेश्वर काली मंदिर का स्वरूप देने के लिए हावड़ा बाली से कारीगर आये हैं. दो साल बाद भव्य रूप से तैयारी चल रही है. कोरोना महामारी से पंडालों को इस तरह का भव्य स्वरूप नहीं दिया जा रहा था. शहर में कई जगहों पर पूजा की तैयारी चल रही है.
1990 से सत्कार क्लब कर रहा मां की पूजा
सत्कार क्लब पूजा प्रभारी प्रतीक कुमार बब्बू ने बताया कि सत्कार क्लब कचहरी चौक के पास 1990 से दुर्गा पूजा कर रहा है. इस बार क्लब ने निर्णय लिया कि कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर के भव्य स्वरूप भागलपुर की जनता को दिखाया जायेगा. हावड़ा बाली से 12 कारीगर पहुंच गये हैं और काम शुरू कर दिया है. ढाक बंगाल के मुर्शीदाबाद से आ रहा है. मां के साज-सज्जा का पूरा सामान कोलकाता से आ रहा है. क्लब के मेढ़पति अभिषेक, किशोर, राकेश शर्मा, अध्यक्ष दीपक कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष दीपन आचार्य, सचिव रवि शंकर वर्मा, उपसचिव व सलाहकार दीपक कुमार दास व रितेश मिश्रा, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार पूजा की तैयारी में लगे हैं.
1958 से जुबक संघ कर रहा मां की पूजा
जुबक संघ 1958 से मां की पूजा कर रहा है. सचिव बबन साहा ने बताया कि अंग और बंग से बना जुबक संघ की प्रस्तुति श्रीराम मंदिर अयोध्या की तर्ज पर बनने जा रहा है. इस बार पंडाल की चौड़ाई 110 फीट और लंबाई 75 फीट होगी. भागलपुर में राम मंदिर का प्रतिरूप बनाने का निर्णय लिया गया है. संघ के सदस्य दीपक शर्मा ने बताया कि मां की प्रतिमा बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर आये हैं.