भागलपुर विकास: 2.81 करोड़ से बनेगा NH 31 से सिंहकुंड सड़क, अन्य कई कार्यों पर बनी सहमति
एनएच 31 से सिंहकुंड सड़क जल्द बनेगा. इसके 2.81 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे ग्रामीणों को सहूलियत होगी. साथ ही सड़क बनाने का डेडलाइन 31 मार्च तय किया गया है. वहीं, इसके अलावा भी अन्य योजना पर भी मुहर लग गई है.
भागलपुर. जिले के खरीक प्रखंड में एनएच 31 से सिंहकुंड तक जाने वाली 7.120 किमी लंबी ग्रामीण सड़क को बनाने की मंजूरी मिली है. सड़क के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. सड़क बनाकर तैयार करने के लिए 31 मार्च डेडलाइन निर्धारित किया है. इस पर 2.81 करोड़ खर्च आयेगा. ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल, नवगछिया ठेका एजेंसी के माध्यम से ग्रामीण सड़क का निर्माण करायेगा. इसके लिए टेंडर निकाला है. 23 सितंबर को टेंडर खुलेगा और ठेका एजेंसी चयनित हो जायेगी.
इस्माइलपुर में भी बनेगी एक ग्रामीण सड़क
इस्माइलपुर प्रखंड के छट्टू सिंह टोला से इदमादपुर तक करीब तीन किमी लंबी सड़क बनेगी. इसके लिए भी 31 मार्च डेडलाइन तय किया है. सड़क निर्माण पर 1.47 करोड़ खर्च आयेगा. 30 अगस्त तक ठेकेदार का चयन कर लिया जायेगा.
लोकमानपुर पंचायत को विजय घाट से जोड़ने पर लगी मुहर
वहीं, भागलपुर के खरीक प्रखंड के लोकमानपुर पंचायत को विजय घाट पुल से जोड़ने की राह खुल गयी. गुरुवार को पुल निर्माण निगम कार्यालय में हुई विशेषज्ञ समूह की बैठक में पहुंच पथ व आरसीसी पुल निर्माण के लिए सामाजिक प्रभाव आकलन की अंतिम रिपोर्ट पर मुहर लगा दी गयी. विशेषज्ञ समूह ने सर्वसम्मति से इस महत्वपूर्ण परियोजना को संपन्न कराने की अनुशंसा की.
विसर्जन घाट पर 1.80 करोड़ रुपये से बनेगा स्थायी तालाब
बता दें कि भागलपुर शहर में दुर्गा पूजा, काली पूजा, सरस्वती पूजा, विश्वकर्मा पूजा में प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए स्थायी तालाब का निर्माण होगा. स्मार्ट सिटी योजना के तहत विसर्जन घाट में एक स्थायी तालाब का निर्माण कार्य होगा. स्मार्ट सिटी के द्वारा इस काम को करने वाली एजेंसी के साथ एग्रीमेंट हो गया है. जल्द ही इसका काम शुरू होगा. इस तालाब के निर्माण में लगभग एक करोड़ 80 लाख रुपये खर्च होंगे. तालाब इतना चौड़ा-लंबा और गहरा बनाया जायेगा कि एक साथ कई प्रतिमाएं विसर्जित होगी. बनने वाले स्थायी तालाब के चारों ओर लाइटिंग की व्यवस्था की जायेगी. विसर्जन मार्ग में भी लाइटिंग की व्यवस्था की जायेगी. अभी स्थिति यह है कि हर साल अस्थायी बने तालाब को सही करने में निगम के लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं. अब इस पर अंकुश लगेगा.