Bhagalpur NH 80: भागलपुर को यूं तो सिल्क सिटी कहा जाता है और ये सिल्क के लिए ही देशभर में अपनी पहचान रखता है लेकिन इस जिले की सियासी माटी भी काफी मजबूत रही है. यहां से एक से बढ़कर एक दिग्गज नेताओं ने जीत का स्वाद चखा. दानी राजा कर्ण की तरह उदार बनकर यहां जनता ने सबको वोटदान किया. लेकिन अब इस जिले का नाम सामने आते ही सबसे पहले इसकी पहचान यहां के नेशनल हाइवे से होती है. वही नेशनल हाइवे जिसकी मरम्मत के ही नाम पर अरबों रुपये सरकारी खाते से निकल गये लेकिन सड़क पर सड़क नहीं बस जानलेवा गड्ढे ही हैं. अब मानसून ने अपनी विदाई के समय भी इसकी पोल खोली है और लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.
भागलपुर-कहलगांव के बीच नेशनल हाइवे 80 की दुर्दशा से लगभग सभी लोग अवगत हैं. आम जनता की मानें तो ये यहां के नेताओं और अफसरों की देन है. इसके नाम पर केवल आरोप-प्रत्यारोप आजतक होते रहे लेकिन समाधान नहीं निकल सका. जब-जब हंगामा खड़ा होता है. मरम्मत के नाम पर फिर से खानापूर्ती कर दी जाती है. कुछ ही दिनों में फिर उसी बदहाली का लोग सामना करते हैं. हल्की बारिश होने पर भी इसके गड्ढे खतरनाक हो जाते हैं. यह सड़क इस कदर जानलेवा हो चुका है कि यहां दर्जनों लोगों की जानें जा चुकी है.
गड्ढों में वाहनों के फंसने से जाम इस सड़क पर रोजाना लगता है. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को होती है. उन्हें वाहनों से उतर कर पैदल ही स्कूल जाना और वापस लौटना पड़ जाता है.नेता सिर्फ हवाई आश्वासन ही देते हैं.
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सबौर से कहलगांव 20 किमी तक हजारों खतरनाक गड्ढे हैं. घोघा के शंकरपुर पुल से कहलगांव के आमापुर तक करीब सात किमी में कई जानलेवा गड्ढे हो चुके हैं. इस रास्ते में अक्सर हादसे होते हैं. स्कूली वाहन भी कई बार पलट चुके हैं. यह मार्ग ‘डेंजर जोन’ बन गया है. आये दिन हादसे होते रहते हैं.
सोशल मीडिया पर लोग अक्सर इसकी दुर्दशा दिखाते मिलते हैं. आलम ये है कि इस बदहाल सड़क पर वाहन या तो पलट रहे हैं या तो लोग चलने से कतरा रहे हैं. जबकि सड़क पर गड्ढों में जो कीचड़ बने हैं उसमें सुअर भ्रमण करते नजर आने लगे हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan