बिहार में बाइक चोरी करके बनाते हैं जुगाड़ गाड़ी, कीमत से लेकर माइलेज तक में मिलता है चोरों को ये फायदा…

भागलपुर पुलिस ने जब बाइक चोरी की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ अभियान चलाया तो कई बाइक चोर और चोरी की गयी बाइक बरामद की गयी. इस दौरान चोरों ने कइ बड़े खुलासे भी किये जो हैरान करने वाले है. बाइक को बेचकर उसे जुगाड़ गाड़ी में बदल दिया जाता था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2022 2:38 PM

Bihar News: भागलपुर में बाइक चोरी के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत शनिवार से लेकर रविवार तक दो थानों की टीम ने कुल आठ चोरी की गयी मोटरसाइकिल और एक चोरी की बाइक के पुर्जों से बनी जुगाड़ गाड़ी बरामद किया है. उक्त मामले में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उनकी निशानदेही पर भागलपुर पुलिस की छापेमारी रविवार रात तक जारी थी. डीएसपी विधि व्यवस्था के नेतृत्व में चलाये जा रहे अभियान में बरारी और सबौर पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई की गयी है.

चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार

डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार ने बताया कि बाइक चोरी को लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्र के सभी थानों को कई बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिया था. निर्देश के बाद उन्होंने सबौर सहित अपने अनुमंडल अधीन सभी थानों को सर्वाधिक बाइक चोरी वाले प्वाइंट्स को चिन्हित कर वहां सिविल ड्रेस में पुलिस की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया था. इसी क्रम में सबौर पुलिस ने सबौर के बाबुपुर निवासी लवकुश कुमार को और बरारी पुलिस ने बरारी हाउसिंग कॉलोनी निवासी अंकज कुमार को चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार किया.

पूर्णिया के गैरेज से जुगाड़ गाड़ी बरामद

लवकुश की निशानदेही पर पुलिस छापेमारी करते हुए पूर्णिया के रुपौली थाना क्षेत्र के मोहनपुर गांव स्थित एक गैरेज में पहुंची. जहां पुलिस ने मधेपुरा के लक्ष्मनिया बस अड्डा, चौसा निवासी कुंदन कुमार को गिरफ्तार किया. गैरेज से एक अर्धनिर्मित जुगाड़ गाड़ी बरामद की गयी, जिसे चोरी की बाइक के पार्ट्स को जोड़ कर बनाया गया था. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा पूरे मामले में किये गये अनुसंधान में यह बात निकल कर सामने आयी कि चोरी की बाइकों को अब मोटरसाइकिल रिपेयर गैरेज संचालक और शराब माफिया खरीद रहे हैं.

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बाइक चोरों के संपर्क में रहने की बात आइ सामने

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पूर्णिया जिला के रुपौली स्थित मोहनपुर गांव के गैरेज में छापेमारी कर वहां से कुंदन को गिरफ्तार किया गया. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह भागलपुर सहित कई जिलों के बाइक चोरों के संपर्क में रहता है. बाइक व टेंपो चोरी होने के बाद गिरोह के लोग बाइक उसके पास लेकर आते हैं. जिसके पार्ट पुर्जों को अलग कर दिया जाता है. उन पार्ट का इस्तेमाल बनायी जाने वाले जुगाड़ गाड़ी में किया जाता है. बाइक का इंजन, शौकर और स्टियरिंग फ्रॉक और टेंपो के टायर और एक्सल का इस्तेमाल जुगाड़ गाड़ी में किया जाता है.

चोरी की बाइक से बनी जुगाड़ गाड़ी के फायदे

कुंदन ने पुलिस को यह भी बताया कि बंगाल में बनने वाली जुगाड़ गाड़ी की कीमत करीब एक लाख रुपये है. जबकि वे लोग महज 40-50 हजार रुपये में खुद के बनाये गये जुगाड़ को खरीदते हैं. जबकि चोरी की बाइकों को वे लोग 10 से 12 हजार रुपये में खरीदते हैं. वहीं उनकी बनायी हुई जुगाड़ गाड़ी खरीदने वालों को एक और फायदा होता है. आम जुगाड़ गाड़ी एक लीटर तेल में ज्यादा से ज्यादा 15 किमी चलती है. जबकि उनकी बनायी हुई जुगाड़ गाड़ी एक लीटर तेल में 30 से 50 किमी तक चलती है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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