बिहार: मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित को ठगने वाले का दूसरा टारगेट भी था सेट, निशाने पर थे बांका के नेता

केंद्र सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे को लग्जरी कार दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हो गया है. ठगी मामले में तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपितों को पश्चिम बंगाल और झारखंड के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2023 12:07 PM

Bihar News: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को कस्टम में पकड़ायी कार को सस्ते में मुहैया कराने के नाम पर 8.29 लाख रुपये की ठगी मामले में तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपितों को पश्चिम बंगाल और झारखंड के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि अब तक उनसे पैसों की रिकवरी नहीं की जा सकी है.

रैकेट का मास्टरमाइंड रिटायर्ड बीएसएफ फौजी

हैरत की बात यह है कि इस रैकेट का मास्टरमाइंड रिटायर्ड बीएसएफ फौजी था और उसने कई साल एनएसजी में भी बिताये थे. बीएसएफ में ट्रांसफर किये जाने के बाद वह भाग गया था और फिर तारापीठ स्थित एक होटल में प्रबंधक के तौर पर काम करता था. वहीं उसकी टीम में बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कई लोग शामिल हैं. पुलिस को मिली इस सफलता की जानकारी भागलपुर सिटी एसपी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी गयी.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित से ठगी

सिटी एसपी अमित रंजन ने बताया कि 19 जनवरी 2023 को सजौर थाना में ठगी का मामला प्रतिवेदित हुआ. इसमें केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित को महंगी लग्जरी कार सस्ते में उपलब्ध कराने के नाम पर 8 लाख 29 हजार 200 रुपये ठगी किये जाने का आरोप लगाया गया था.

बांका के एक जनप्रतिनिधि को ठगने की थी तैयारी

भागलपुर एसएसपी आनंद कुमार के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया. इसके नेतृत्व की जिम्मेदारी डीएसपी विधि व्यवस्था डॉ गौरव कुमार को दी गयी. उक्त टीम ने मामले की तकनीकी जांच करते हुए पता लगाया कि जिस मोबाइल का इस्तेमाल केंद्रीय मंत्री के बेटे से ठगी करने के लिए किया गया था उससे वर्तमान में दूसरा सिम लगा कर बांका के एक जनप्रतिनिधि से संपर्क किया जा रहा है.

तारापीठ पहुंच गयी पुलिस की टीम, बंगाल से गिरफ्तारी

उक्त मोबाइल को ट्रेस करते हुए पुलिस टीम सबसे पहले तारापीठ पहुंची. वहां से इस अंतर्राज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड मुंगेर जिला के टेटिया बम्बर स्थित भुना निवासी बमबम सिंह को गिरफ्तार किया गया.उसकी निशानदेही पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल के वीरभूम स्थित नलहाटी स्थित शीतल ग्राम निवासी सुरेश प्रमाणिक और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित खारग्राम के उत्तर गोपिनाथपुर निवासी निर्मल मंडल को गिरफ्तार कर लिया.

मास्टरमाइंड बमबम सिंह पहले भी जा चुका है जेल

मास्टरमाइंड के दो सहयोगियों में से एक को देवघर के टाउन थाना क्षेत्र से ही गिरफ्तार किया गया है. सिटी एसपी ने बताया कि गिरफ्तार मास्टरमाइंड बमबम सिंह इससे पूर्व मुंगेर जिला से गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है. अन्य अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास के साथ-साथ उनके पास से बरामद मोबाइलों में से उनके द्वारा जिन लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है उसकी जानकारी भी निकाली जा रही है.

कस्टम ऑफिसर बन जनप्रतिनिधियों को करते थे टारगेट

सिटी एसपी अमित रंजन ने बताया कि गिरफ्तार ठगी करने वाले रैकेट के सदस्यों से गहन पूछताछ की गयी. उन्होंने बताया कि वे लोग पहले जनप्रतिनिधियों और बड़े लोगों की सूची बना कर उनका पर्सनल नंबर निकालते हैं. फिर उनके बारे में कुछ पुरानी बात बता कर उन्हें अपना करीबी बताते हैं. फिर कस्टम ऑफिसर बन कर कस्टम में पकड़ायी गाड़ियों का झांसा देते हैं. गिरफ्तार आरोपितों ने बताया कि अब तक उनके झांसे में आधा दर्जन से अधिक जनप्रतिनिधि और व्हाइट कॉलर लोग आकर उन्हें लाखों रुपये ट्रांसफर कर चुके हैं. भारी रकम लेने के बाद वे लोग अपना सिम बंद कर फिर दूसरे सिम का इस्तेमाल कर अपना दूसरा शिकार ढूंढना शुरू कर देते हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

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