भागलपुर: राज्य के नये डीजीपी आरएस भट्टी ने कार्यभार संभालते ही अपराध और अपराधियों के विरुद्ध अपनी रणनिति को स्पष्ट कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार बतौर डीजीपी अपने कार्यकाल के पहले ही दिन उन्होंने राज्य के सभी जिलों में मौजूद टॉप पांच इनामी अपराधियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है.
खासतौर पर वे अपराधी जिन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और ऐसे अपराधी जो इनामी हैं. उक्त निर्देश मिलने के बाद से ही पूरे पुलिस महकमे में हलचल मच गयी है. वहीं अपराधियों के पसीने छूटने लगे हैं. दिये गये निर्देश में भागलपुर पुलिस को भी ऐसे लोगों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि दो वर्ष पूर्व भागलपुर पुलिस द्वारा इनामी अपराधियों की जारी की गयी सूची में 11 अपराधियों को शामिल किया गया था. इनमें से 9 अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जबकि भागलपुर के चर्चित दो अपराधी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
भागलपुर में अपराध की दुनिया में भागलपुर के टॉप टेन अपराधियों का नाम लिया जाये तो उनमें दो नाम ऐसे हैं जिन्हें पकड़ पाना तो दूर पुलिस के पास उनकी अपडेट फोटो तक नहीं हैं. इस सूची में सबसे पहला नाम शहर के चर्चित राणा मियां का नाम आता है. उसे 2008 में भागलपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था. पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राणा की उस वक्त हुई गिरफ्तारी के समय लिये गये फोटो के अलावा पुलिस के पास और कोई अपडेट फोटो उपलब्ध नहीं है.
शहर के चर्चित फरार टॉप पांच अपराधियों में दूसरा नाम मोगलपुरा निवासी मो तालिब उर्फ टिंकू मियां हैं. टिंकू शहर के चर्चित अपराधी रहे फेकू मियां का बेटा है. पिता की मौत के बाद मोगलपुरा व उसके आसपास के इलाकों में अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिये वह लगातार अपराध करता रहा. वहीं उसके दो भाई भी बबरगंज थाना क्षेत्र के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल हैं. इसके अलावा शहर के चर्चित अपराधी जो इनामी रह चुके हैं और पिछले दो-तीन वर्षों के भीतर उन्हें भागलपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें रविंद्र यादव, टैरा मंडल, पप्पू सिंह, राजू मिश्रा, सत्तन यादव, सतेंद्र यादव, लड्डू यादव, टोपला यादव, प्रभाष यादव और अजय मिश्रा का नाम शामिल है.
2006 में भागलपुर में हुए चर्चित दिवेश हत्याकांड मामले में भागलपुर पुलिस ने वर्ष 2008 में राणा को गया जिला से गिरफ्तार किया था. भागलपुर पुलिस के पास उस वक्त गिरफ्तार किये गये राणा के फोटो के अलावा कोई और अपडेट फोटो उपलब्ध नहीं है. राणा ने फरार रहने के दौरान भी अपने गैंग को भागलपुर में सक्रिय रखा है.
राणा के गुर्गे शहर के बड़े व्यवसायियों सहित कई चर्चित लोगों का फोन नंबर उसे उपलब्ध कराते हैं. उनसे रंगदारी मांगी जाती है. फरार रहने के दौरान राणा ने भागलपुर में दो बड़े हत्याकांड की सुपारी ली. अपने गुर्गों की मदद से हत्या करवायी. इनमें अमरजीत हत्याकांड और अधिवक्ता मजहर उल हक उर्फ आरजू हत्याकांड शामिल है. विगत वर्ष 2009 में भागलपुर के तत्कालीन एसएसपी आशीष भारती ने राणा के पर 50 हजार के इनाम की घोषणा के प्रस्ताव को भेजा था, जिसे पुलिस मुख्यालय स्तर से स्वीकृति दी गयी. वहीं राणा की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी पुलिस मुख्यालय ने एसटीएफ को भी सौंपी थी. पर अब तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका. उसके बाद से ही राणा के कुछ करीबी उसकी मौत की अफवाहों को भी जोर देते रहे.
बबरगंज थाना क्षेत्र मोगलपुरा मोहल्ले का रहने वाला कुख्यात मो तालिब उर्फ टिंकू मियां पिछले 13 सालों से फरार हैं. विगत वर्ष 2017 में टिंकू को भागलपुर पुलिस की विशेष टीम ने कोलकाता के मटियाबुर्ज इलाके से गिरफ्तार किया था. ट्रांजिट रिमांड के लिए भागलपुर पुलिस की टीम ने उसे कोलकाता कोर्ट में पेश किया. इसके बाद कोलकाता कोर्ट ने टिंकू सहित उसके भाई को इस शर्त पर जमानत दी कि जनवरी 2018 में वे लोग भागलपुर कोर्ट में प्रस्तुत होंगे. पर टिंकू और उसके भाई ने कोलकाता कोर्ट के आदेश की अवमानना की.
इसके बाद से लेकर अब तक भागलपुर पुलिस को टिंकू लगातार चकमा देता रहा. वर्ष 2010 में टिंकू मियां के पिता कुख्यात फेकू मियां की हत्या के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. कन्नाकिताब पर वर्चस्व को लेकर लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा. करीब डेढ़ वर्ष पूर्व मोगलपुरा में हुए गर्भवती काजल हत्याकांड मामले में भी वह फरार चल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार टिंकू के विरुद्ध बबरगंज सहित भागलपुर के कई थानों में एक दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं. विगत वर्ष 2013 में उसके घर से हथियार का जखीरा बरामद किया गया था. भागलपुर पुलिस की ओर से टिंकू मियां के विरुद्ध 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है.