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अपराध से अर्जित संपत्ति मामलों को लेकर भागलपुर पुलिस सख्त, 77 अपराधी रडार पर

भागलपुर: जिले के सीनियर एसपी हृदयकांत ने बताया कि अपराध से अर्जित संपत्ति को लेकर भागलपुर पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है.

अपराध से अर्जित संपत्ति को लेकर अब भागलपुर ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. अब तक भागलपुर पुलिस ने ऐसे कुल 77 अपराधियों सहित तस्करों और माफियाओं की सूची तैयारी की है. जिन्होंने अपराध के जरिये लाखों और करोड़ों रुपये अर्जित किया है. अपराध और अपराधियों को लेकर भागलपुर पुलिस अपनी ओर से लगातार सख्त रुख इख्तियार कर रही है. जहां पुराने से पुराने मामलों में सालों से फरार अपराधियों के विरुद्ध वृहद छापेमारी अभियान चला उनकी गिरफ्तारी की जा रही है तो दूसरी तरफ शहर के चप्पे-चप्पे पर औचक वाहन चेकिंग और रोको-टोको अभियान चला अपराधियों की योजनाओं को ध्वस्त कर रही है. इससे एक तरफ जहां अपराधियों में डर का माहौल बना हुआ है तो दूसरी तरफ कुछ सालों से सुस्त पड़े पुलिस पदाधिकारी भी फिर से एक्टिव हो गये हैं.

77 अपराधियों की सूची तैयार

भागलपुर के सीनियर एसपी हृदयकांत ने इसको लेकर पूर्व में ही जिला के सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों, सर्किल इंस्पेक्टरों और थानाध्यक्षों के साथ हाई लेवल मीटिंग की थी. जिसमें सभी पुलिस पदाधिकारियों को उनके उनके क्षेत्र के ऐसे अपराधियों की सूची बनाने का निर्देश दिया था जोकि पैसों के लिए हत्या या हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती, लूट, चोरी, शराब, गांजा, ब्राउन सुगर सहित अन्य मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध खनन, इंट्री पासिंग और जमीन पर अवैध कब्जा या जमीन के नाम धोखाधड़ी जैसे मामलों में संलिप्त हैं. ऐसे अपराधियों की सूची बनाने के बाद सभी पुलिस पदाधिकारियों को सूची में शामिल अपराधियों के घरों और उनके चल-अचल संपत्ति का भौतिक सत्यापन सहित मानवीय सूत्रों से ठोंस जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया था. उक्त सभी जानकारियों को इकट्ठा करने के बाद भागलपुर पुलिस के विशेष जांच में अब तक कुल 77 ऐसे अपराधियों की सूची तैयार की जा चुकी है. जिन्होंने अपराध के बलबूते और गैर कानूनी धंधे कर अकूट संपत्ति हासिल की है. इनमें ऐसे अपराधी भी शामिल हैं जिन्होंने जमीन को लेकर हत्याएं की या करायी हैं. हाल ही बरारी थाना में दर्ज इंट्री पासिंग सिंडिकेट को लेकर दर्ज करायी गयी प्राथमिकी इसका उदाहरण है.

भागलपुर पुलिस ने ऐसे शराब तस्करों की सूची भी तैयार की है जो कि शराब तस्करी के मामलों में एक बार से अधिक या शराब तस्करी की बड़ी खेप के मामलों में प्राथमिक या अप्राथमिक अभियुक्त बनाये जा चुके हैं. वहीं गांजा, ब्राउन सुगर सहित अन्य मादक पदार्थों के मामलों में भी संलिप्त अपराधियों की सूची तैयार की गयी है. विगत कुछ वर्षों में भागलपुर पुलिस जिला में या दूसरे जिलों में रहकर बालू, गिट्टी, मिट्टी आदि अवैध खनन के मामलों में संलिप्त माफियाओं की भी जांच की जा रही है. जमीन का कारोबार कर अचानक से फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले लोगोंं की भी सूची तेयार की गयी है. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ऐसे अपराधियों के संपत्ति के साथ साथ उनके बैंक खातों में किये गये ट्रांजेक्शन आदि की भी जांच कराने की तैयारी कर रही है.

फिर खुल सकता है हत्याकांड का मामला

पुलिस जिला के लोदीपुर थाना क्षेत्र में अधिवक्ता पुत्र नवविवाहित मनीष घोष की निर्मम हत्या के मामले में भागलपुर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया था. उक्त मामले में हवाला कारोबार को लेकर मनीष घोष की हत्या किये जाने की बात का खुलासा हुआ था. तत्कालीन पुलिस अधिकारियों और पदाधिकारियों ने हत्या का कारण हवाला कारोबार का खुलासा किया था और इस कारोबार से जुड़े जिला व आसपास के जिलों के बड़े व्हाइट कॉलर लोगों का नाम सामने लाने की भी बात कही थी. पर हत्याकांड के उद्भेदन के बाद पुलिस पदाधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. पर भागलपुर में आये नये सीनियर एसपी और एसपी सिटी ने जब पुराने मामलों को खंगाला तो मनीष घोष हत्याकांड की भी फाइल सामने आयी. जिसके बाद अब पुलिस अधिकारियों ने एक विशेष टीम को हवाला कारोबार को लेकर तफ्तीश फिर से शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि मामले की जांच को लेकर भागलपुर पुलिस काफी आगे पहुंच चुकी है.

कोट :

”अपराध से अर्जित संपत्ति और अपराधियों द्वारा बनायी गयी अकूट संपत्ति को लेकर विशेष जांच की जा रही है. इसके लिए अनुमंडल स्तर से लेकर थाना स्तर तक के पदाधिकारियों को लगाया गया है. इसके लिए अब तक किसी भी सरकारी एजेंसी का सहारा नहीं लिया गया है. भागलपुर पुलिस इसकी जांच के लिए सक्षम है. मामले में जरूरत पड़ने पर बिहार पुलिस व अन्य सरकारी एजेंसियों का सहारा लेगी. ऐसे सभी पुरानी फाइलों को निकाला जा रहा है जिसमें हत्या, डकैती, लूट, चोरी, मादक पदार्थों व शराब की तस्करी, अवैध खनन, इंट्री पासिंग, जमीन कारोबार आदि मामलों में दर्ज केस के प्राथमिक और अप्राथमिक अभियुक्तों के चल-अचल संपत्ति की जांच करायी जा रही है. वर्तमान में पुलिस की रडार पर अब तक 77 लोगों के नाम की सूची बन चुकी है.”  हृदय कांत, सीनियर एसपी, भागलपुर

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