भागलपुर में रेलवे पटरी के किनारे 16 मकान मालिकों को प्रशासन ने थमाया नोटिस,ट्रेन की इंजन पर गिरा था दीवार

bhagalpur: बारिश में नगर निगम के बूचड़खाने की दीवार पटरी पर गिरने की घटना को रेलवे ने गंभीरता से लिया है. सोमवार को निर्माण कार्य निरीक्षक (आइओडब्ल्यू) विभाग ने रेलवे लाइन किनारे 16 मकान मालिकों को नोटिस थमाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2022 5:55 AM

भागलपुर: बारिश में नगर निगम के बूचड़खाने की दीवार पटरी पर गिरने की घटना को रेलवे ने गंभीरता से लिया है. सोमवार को निर्माण कार्य निरीक्षक (आइओडब्ल्यू) विभाग ने रेलवे लाइन किनारे 16 मकान मालिकों को नोटिस थमाया है. उनसे कहा है कि वह अपने मकान की दीवार मजबूत करे. अन्यथा, किसी घटना पर स्वयं इसके जिम्मेदार होंगे. वहीं, कुछ लोगों ने नोटिस लेने से इंकार कर दिया और विरोध जताया.

मकान मालिक व रेलवे अधिकारियों के बीच हुई बहसबाजी

मकान मालिक व रेलवे अधिकारियों के बीच बकझक तक हो गयी. बावजूद, इसके ऐसे दो-तीन लोगों के घर पर आइओडब्ल्यू विभाग की टीम ने नोटिस चस्पा कर दिया है. आइओडब्ल्यू ललन कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने रेलवे की चहारदीवारी पर अपना दीवार बना लिया है. चहारदीवारी को तोड़कर रास्ता बना लिया है. ऐसे लोगों को भी नोटिस दी गयी है. नोटिस के बाद भी वे सभी ऐसा करने से बाज नहीं आये, तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

गौरतलब है कि बीते शनिवार की रात करीब 3.15 बजे भागलपुर जंक्शन के पश्चिमी केबिन के आगे बूचड़खाने की दीवार पटरी पर गिरी थी. इस घटना में पटना-मालदा इंटरसिटी दुर्घटनाग्रस्त हाेने से बाल-बाल बची थी. इस घटना के कारण डाउन लाइन में तीन घंटे से ज्यादा देर तक परिचालन ठप रहा था.

सीओ को लिखेगा पत्र और करायेगी निजी जमीनों की मापी

भागलपुर जंक्शन के दक्षिण में रेलवे लाइन किनारे निजी जमीन की मापी करायी जायेगी. इसके लिए आइओडब्ल्यू विभाग सीओ को पत्र लिखेगा. आइओडब्ल्यू ललन कुमार ने बताया कि मालदा से भागलपुर रेलवे का नक्शा भी मंगाया जायेगा. उनका मानना है कि रेलवे की जमीन को अतिक्रमण किया गया है. दरअसल, रेलवे की दीवार 30-40 साल पहले की है और कई जगहों पर तोड़कर अतिक्रमण कर लिया गया है.

इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन पर गिरा था दीवार

बीते शनिवार को बूचड़खाने की दीवार रेलवे की चहारदीवारी को लेकर ट्रैक पर गिरी थी. दीवार पटना-मालदा इंटरसिटी एक्सप्रेस के इंजन पर गिरी थी. इंजन वजनीय रहने से दुर्घटना नहीं हुई. वहीं, चालक ने भी इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया था. यही अगर डिब्बे पर गिरी होती, तो ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी. हालांकि, इस घटना की जांच चल रही है. रेलवे अधिकारी के अनुसार बाहर से बूचड़खाने की दीवार मजबूत दिखती थी मगर, इसका फाउंडेशन कमजोर था. इस कारण बारिश में भर-भराकर गिर गया.

रेलवे पटरी पर गिरने से हो सकता है हादसा

लोहिया पुल के लोहे की रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गयी है. कई जगहों पर टूट गया है और यह झुक गया है. यह अगर रेलवे पटरी पर गिरा, तो इससे ट्रेन दुर्घटना हो सकती है. मगर, इस क्षतिग्रस्त रेलिंग पर किसी की नजर नहीं पड़ी है. वहीं, एहतियातन रेलिंग में लगाया गया जाली भी पलट गया है. जबकि, जाली को इस उद्देश्य से लगाया गया था कि कोई व्यक्ति पुल से रेलवे पटरी पर न गिरे. क्योंकि, दो-तीन साल पहले एक व्यक्ति पुल से प्लेटफॉर्म पर गिर गया था और उसकी मौके पर मौत हो गयी थी. शव की पहचान एक ऑटो चालक के रूप में हुई थी.

रेलवे के हिस्से का लोहिया पुल अबतक नहीं हो सका मरम्मत

लोहिया पुल के बीच का हिस्सा रेलवे में आता है और इसका मरम्मत अबतक नहीं हो सका है. करीब दो साल पहले पथ निर्माण विभाग ने करीब 65 लाख खर्च कर पुल का मरम्मत कराया था लेकिन, रेलवे के हिस्से के पुल का मरम्मत के लिए रेलवे से परमिशन नहीं मिला था. इस कारण मरम्मत नहीं हो सका था. यानी, रेलवे ने न तो मरम्मत कराने दिया और न ही खुद मरम्मत कर रहा है. यही नहीं, रेलवे के हिस्से में पड़ने वाला पुल की भी जांच नहीं करायी गयी है.

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