भागलपुर. नयी नियमावली के विरुद्ध शिक्षक संघ का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षकों का अलग-अलग गुट लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में सोमवार को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ शाखा भागलपुर ने राज्य कार्यकारिणी के फैसले के बाद प्रतिरोध दिवस मनाया. इस दौरान शिक्षकों ने संघ भवन से जुलूस निकाल डीएम कार्यालय के सामने पहुंचे और आंदोलन किया. इस मौके पर शिक्षक नेताओं ने कहा कि बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 के के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे हैं. शिक्षा विभाग इस नियमावली के अंतर्गत बीपीएससी से परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी वाला स्थाई शिक्षक नियुक्त करेगी.
बता दें कि सरकार की इस नीति से एक स्कूल में तीन तरह के शिक्षक हो जायेंगे, जिनके नियोक्ता और नियंत्री पदाधिकारी अलग-अलग होंगे जो कि हास्यास्पद है. इससे शिक्षण कार्य पर नकारात्मक असर पड़ेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में ह्रास से इनकार नहीं किया जा सकता है.
संघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर सरकार से मांग की है कि सभी नियोजित शिक्षक को सेवा अनुभव के आधार पर बिना परीक्षा लिए राज्यकर्मी घोषित किया जाये. जिला सचिव डॉ रविशंकर ने कहा जब तक सरकार हमारी वाजिब मांग पूरी नहीं करेगी, संघर्ष जारी रहेगा. हम सड़क से सदन तक लड़ेंगे. जुलूस में राजकुमार प्रसून, डॉ संजीव कुमार, नासीम आलम, डॉ कुमार चंदन, डॉ गोपाल महाराणा, धर्मेंद्र कुमार, कुमार कृष्णा, चंदन, अजय कुमार, भगवती रंजन पांडेय आदि शामिल रहे.
बता दें कि नयी शिक्षक नियमावली के तहत बिहार में शिक्षकों की बहाली होनी है जिसको लेकर कैबिनेट की आज मीटिंग हुई जिसमें 1 लाख 78 हजार 26 शिक्षकों की बहाली पर मुहर लगी है.इसके बाद बीपीएससी द्वारा विज्ञापन निकालकर सभी पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बीपीएससी से परीक्षा के आधार पर पास अभ्यर्थियों को जिला कैडर के रूप में विभिन्न कक्षाओं के लिए शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इसके अलावा उनके वेतनमान को लेकर भी फैसला लिया गया है.