बिहार: भागलपुर में खून से सनकर खत्म हुई चंदा-चंदन की प्रेम कहानी, बीच सड़क पर पिता और भाई ने गोलियों से भूना

बिहार के भागलपुर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है जहां एक युवती को प्रेम विवाह करना महंगा पड़ गया. नवगछिया के गोपालपुर में पिता और पुत्र ने मिलकर बेटी, दामाद और मासूम बच्ची की जान ले ली. चंदा और चंदन की प्रेम कहानी का अंत हो गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2024 10:36 AM
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अंजनी कश्यप, नवगछिया: भागलपुर के पुलिस जिला नवगछिया अंतर्गत गोपालपुर थाना के नवटोलिया में ऑनर किलिंग में पति-पत्नी और मासूम बेटी की हत्या गोली मारकर कर दी गयी. युवती के लव मैरिज से नाराज युवती के पिता और भाई ने मिलकर इस तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया. ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि ऑनर कीलिंग का आरोपित पिता पप्पू सिंह अपनी पुत्री चंदा कुमारी व दामाद चंदन कुमार को देखता, तो उसका खून खौल जाता था. दोनों की शादी के बाद पप्पू सिंह के दिल में यह बात कांटे की तरह चुभ रहा था. वह दोनों को रास्ते से हटाने का मन बन चुका था. वह दोनों की शादी से बेहद खफा था. दो साल में कई बार उसने दोनों को रास्ते से हटाने की योजना बनायी, लेकिन सफल नहीं हो पाया. अंतत: मंगलवार को चंदा और चंदन की प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया. उसकी मासूम सी बच्ची की भी हत्या कर दी गयी. सरेशाम बीच सड़क पर युवती के भाई और पिता ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया.

बेटी-दामाद की हत्या की थी प्लानिंग

पुलिस सूत्रों के मुताबिक पिछले माह किसी बात को लेकर एक बार फिर पप्पू सिंह ने दोनों की हत्या की प्लानिंग की. उसकी योजना को तब बल मिला, जब पप्पू सिंह को अनिल सिंह ने घर बनाने का ऑफर दिया. वह एक माह से घर बना रहा था. उसी समय से वह अपनी पुत्री व दामाद पर नजर बनाए हुए था. केवल वह मौके की तलाश में था. लोगों का कहना है कि मकान बनाने के दौरान भी कुछ लोगों ने पप्पू सिंह पर कमेंट किया, जिससे वह विचलित हो गया. चंदा कुमारी उर्फ चांदनी कुमारी अपने पति के साथ रोजाना दोपहर बाद पति चंदन कुमार के साथ नये घर से सास-ससुर की सेवा करने के लिए जाते थे. पुत्री को रोजाना पति के साथ आते-जाते पप्पू सिंह देखा करता था.

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हत्या के लिए षडयंत्र रचा

पप्पू सिंह ने अनिल सिंह का घर बनाते हुए पुत्री व दामाद की हत्या के लिए षडयंत्र रच दिया. मंगलवार को उसने क्रोध में आकर इस योजना को अंतिम रूप दिया. इसके लिए अपने पुत्र को भी तैयार किया. पप्पू सिंह ने इस घटना के लिए शाम का समय चुना. ठंड की वजह से गांव के लोग शाम के समय अपने-अपने घर चले जाते हैं, जिसका फायदा उसने उठाया. पप्पू सिंह अपनी पुत्री को जाते समय भी मौत के घाट उतार सकता था. लेकिन इसके लिए शाम होने की प्रतीक्षा की. चंदा कुमारी को पुराने घर से लौटते समय अनिल सिंह के घर के पास रोक लिया. उसने लोहे के रॉड से पुत्री चंदा कुमारी के सिर पर प्रहार कर कर दिया. दामाद पर भी वार किया. दामाद का हाथ तोड़ दिया.

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भाई आया और गोलियों से भूनता चला गया..

प्लान के मुुताबिक पप्पू सिंह ने पुत्र धीरज सिंह को फोन किया. धीरज सिंह पहले से तैयार था. उसने मौके पर पहुंच कर गोलियों की बौछाड़ कर दी. उसने सबसे पहले बहनोई को गोली मारी, फिर गंभीर रूप से घायल बहन को गोली मारी. इसके बाद 18 माह की भांजी को गोली मार दी. पप्पू सिंह जब लोहे के रॉड से पुत्री चंदा कुमारी को मार रहा था, तो चंदन कुमार आक्रामक होने के बजाय ससुर के पैर पकड़ कर रहम की भीख मांग रहा था. वह बार-बार कह रहा था कि अपनी बेटी को क्यों मार रहे हैं. मारना ही है, तो मुझे मार दें. ससुर का दिल नहीं पसीजा. ससुर ने दामाद चंदन पर भी प्रहार कर दिया. इतने से भी पप्पू सिंह का मन नहीं भरा, तो फोन कर पुत्र धीरज सिंह को बुला लिया.

यह है चंदा-चंदन की प्रेम कहानी

गोपालपुर थाना क्षेत्र के नवटोलिया की चांदनी कुमारी पिता प्रमोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपनी मर्जी से अपने पडोसी चंदन कुमार से शादी करने की कीमत अपने परिवार की मौत से चुकानी पड़ी. पप्पू सिंह की पुत्री चांदनी कुमारी व गांव के ही चंदन उर्फ चंदन सिंह में प्रेम हो गया. दोनों मिलने-जुलने लगे. इस बीच कई बार पप्पू सिंह ने दोनों को डांटा-फटकारा भी, लेकिन प्रेम परवान चढ़ता गया. दोंनों ने साथ जीने-मरने की कसमें खायीं.जब दोनों ने शादी की बात कही, तो परिजन नहीं माने. अंत में दो वर्ष पूर्व कोर्ट मैरिज कर लिया. विवाह के बाद प्रेम की निशानी के रूप में चांदनी को एक पुत्री भी हुई. चंदन खेतों में मेहनत-मजदूरी कर जीवन-यापन कर रहा था. दोनों खुश थे और आशा करते थे कि अब परिजन मान जायेंगे. कम से कम हत्या जैसी घटना से दोनों अनजान थे. अचानक मंगलवार को तीनों की हत्या कर प्रेम का अंत कर दिया गया.

शादी कर ली, ठीक है, घर मत आना नहीं तो…

ग्रामीण कहते हैं कि चंदा और चांदनी जब घर से भाग गये तो समाज के लोगों को एक पल लगा कि यह अच्छा नहीं हुआ. लेकिन दोनों स्वजातीय थे. चंदन भी मेहनती लड़का था. इस कारण समाज को कोई विशेष आपत्ति नहीं हुई. चंदा के घरवालों ने उस वक्त कई लोगों से बातचीत के क्रम में स्पष्ट कहा था कि दोनों ने शादी कर ली, ठीक है लेकिन दोनों गांव नहीं आये तो अच्छा है, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. यहां तक कि यह बात पप्पू सिंह ने चंदन के कई परिवार वालों को भी प्रत्यक्ष रूप से धमकी दे चुका था. यही कारण था जब भी पप्पू सिंह या धीरज, चंदन, चंदा या उसके बच्चों को देखते तो वे लोग गुस्से से कांपने लगते थे.

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