30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भागलपुर मौसम: बरसे बादल तो खेतों में जमा होने लगा पानी, बारिश देख खिले किसानों के चेहरे

आद्रा में बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. खेतों में पानी जमने लगा तो उनकी उम्मीद जग गयी और वे खेतों पर बिचड़ा लगाने निकल पड़े. कृषि विभाग की ओर से आंकड़े के अनुसार अब तक जिले में 90 फीसदी तक बिचड़ा का काम हो गया होता, लेकिन सुखाड़ के कारण मात्र 15 फीसदी ही बिचड़ा का काम हो पाया.

भागलपुर: रोहिणी, मृगशिरा नक्षत्र गुजर जाने के बाद आद्रा में बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. खेतों में पानी जमने लगा तो उनकी उम्मीद जग गयी और वे खेतों पर बिचड़ा लगाने निकल पड़े. कृषि विभाग की ओर से आंकड़े के अनुसार अब तक जिले में 90 फीसदी तक बिचड़ा का काम हो गया होता, लेकिन सुखाड़ के कारण मात्र 15 फीसदी ही बिचड़ा का काम हो पाया. जून माह में 47 एमएम बारिश हुई, जबकि 170 एमएम की जरूरत थी. दो दिन के अंदर 22 एमएम बारिश होने की संभावना जतायी गयी है.

खेतों पर निकलने लगे किसान

जिले के धान उत्पादक नौ प्रखंडों सबौर, गोराडीह, शाहकुंड, सन्हौला, पीरपैंती, जगदीशपुर, नाथनगर, कहलगांव व सुल्तानगंज में खासकर किसान खेतों पर निकलने लगे. नाथनगर कजरैली के गुंजेश गुंजन ने बताया कि धान की खेती के साथ ककोड़ी की खेती करने में जुटे हैं. इसमें कम पानी में भी अधिक मुनाफा है. शाहकुंड के किसान शिरोमणि कुमार ने बताया कि खरीफ फसल के तहत धान का बिचड़ा गिरा रहे हैं.

Also Read: मुंगेर: छह माह पहले ही हुआ था युवती का प्रेम विवाह, अब तेल छिड़क कर खुद को लगा ली आग, जानें कारण…
आद्रा नक्षत्र में बिचड़ा डालते हैं भागलपुर जिले के किसान

जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि भागलपुर जिले में किसान आद्रा नक्षत्र में बिचड़ा डालते हैं. ऐसे में यदि बारिश शुरू हुई है, तो किसानों और इस क्षेत्र के लिए खुशखबरी है. मक्के की फसल के लिए यह बारिश अमृत के समान है. बारिश के बाद मक्के के पौधे सलामत रहे और उपज अच्छी दें, इसलिए खाद छिड़का जा रहा है.

अभी का बारिश है अमृत समान

जगदीशपुर के किसानों ने बताया कि बिचड़ा का समय मई आखिरी सप्ताह में शुरू हो जाता है. सुखाड़ के कारण बोरिंग से सिंचाई करके बिचड़ा डाला गया था, लेकिन उसे बचाना मुश्किल हो गया. अभी का बारिश अमृत समान है. अधिकतर किसानों की जीरो टिलेज-बॉग विधि से सीधी बोआई के तहत धान की खेती करने की योजना है.

Also Read: अधिक वजन वाले बच्चे हो रहे प्री डायबिटीज के शिकार, नियंत्रण के लिए शिशु रोग विशेषज्ञों की ये है सलाह…
जिले में 52000 हेक्टेयर में होती है धान की खेती

जिले के धान उत्पादक नौ प्रखंडों समेत अन्य प्रखंडों में 52 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया है. पिछले वर्ष सुखाड़ के कारण किसान चिंतित हैं. हजारों किसान बारिश नहीं होने से परेशान थे, लेकिन मौसम में बदलाव के बाद किसानों में उम्मीद जगी है कि समय पर धान की खेती हो जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें