भागलपुर के बुनकर अंतरराष्ट्रीय मार्केट में हुनर दिखायेंगे, बेहतर उत्पादन के गुर भी सीखेंगे

सिल्क सिटी भागलपुर के बुनकर अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में अपना हुनर दिखायेंगे. इन बुनकरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में लाने के लिए तैयारी अंतिम चरण में है. जल्द ही हबीबपुर स्थित डिजाइन स्टूडियो एंड प्रोडक्शन सेंटर तैयार हो जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2022 5:43 AM

सिल्क सिटी भागलपुर के बुनकर अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में अपना हुनर दिखायेंगे. इन बुनकरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में लाने के लिए तैयारी अंतिम चरण में है. जल्द ही हबीबपुर स्थित डिजाइन स्टूडियो एंड प्रोडक्शन सेंटर तैयार हो जायेगा. उद्योग विभाग ने सितंबर में इसे चालू करने की तैयारी कर रखी है. इस सेंटर का मुख्य उद्देश्य मार्केट के अनुरूप बुनकरों को आधुनिक डिजाइन उपलब्ध कराना और उन्हें डिजाइन की जानकारी देना है. इसके अलावा यह सेंटर बुनकरों को कपड़ों की गुणवत्ता की जांच करने के बारे में भी बतायेगा और इन्हें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मार्केटिंग में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगा. स्टूडियो में तैयार किये जाने वाले उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी जायेगी. प्रदर्शनी के माध्यम से उत्पादों की गुणवत्ता व डिजाइन की जानकारी अधिक से अधिक बुनकरों को दिया जायेगा. इससे बुनकरों के कपड़ों की अधिक मांग होगी और इनके मुनाफे में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि हो सकेगी.

89 लाख रुपये से बना प्रोडक्शन सेंटर

प्रोडक्शन सेंटर का भवन निर्माण का कार्य हो चुका है. सेंटर का क्षेत्रफल 937 वर्गफीट है. भवन और सभी उपकरणों पर 8925000 रुपये खर्च हुए हैं. सभी प्रकार के फर्नीचर, कंप्यूटर सेट के साथ-साथ कई सामग्री उपलब्ध करायी जा चुकी है. कुछ मशीनें आनी बाकी हैं. स्टूडियो में कुछ माह पहले ही उद्योग विभाग द्वारा टेक्सटाइल डिजाइनर मनीषा प्रिया की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

पर केड भवन को भूल गया उद्योग विभाग

इससे पहले उद्योग विभाग ने इस बात को लेकर तैयारी की थी कि बुनकरों को कंप्यूटर पर तैयार की गयी डिजाइन बिहार रेशम एवं वस्त्र संस्थान अपेक्षाकृत सस्ती कीमत पर देगा. इसके लिए दो साल पहले नाथनगर रोड में रेशम संस्थान परिसर में कंप्यूटर एडेड डिजाइन एंड टेस्टिंग लैब भवन बनाया गया था. इसमें लैब शुरू करने के लिए रूपरेखा तय करने के बाबत काम शुरू किया गया. फाइल जिला से पटना और विभिन्न एजेंसी के बीच घूमती रही, लेकिन भवन का ताला नहीं खुल सका. योजना यह भी थी कि वस्त्रों पर डिजाइन तैयार करने की विधि कंप्यूटर के माध्यम से सीखने की सुविधा रेशम संस्थान के छात्रों को भी दी जाती.

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