10 हजार की आबादी पर एक टैंकर, दिन भर पानी के लिए जद्दोजहद
एक ओर जहां वाटर वर्क्स से 12 वार्डों में लोगों के बीच शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी के बीच मध्य शहर के वार्ड 36 के विभिन्न मोहल्ले के लोगों को सामान्य पानी के लिए भटकना पड़ रहा है
एक ओर जहां वाटर वर्क्स से 12 वार्डों में लोगों के बीच शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वहीं दूसरी ओर भीषण गर्मी के बीच मध्य शहर के वार्ड 36 के विभिन्न मोहल्ले के लोगों को सामान्य पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. भोलानाथ फ्लाइओवर ब्रिज निर्माण कार्य में लापरवाही से बढ़ी परेशानी भोलानाथ फ्लाइओवर ब्रिज का निर्माण बिना तैयारी की शुरू कर दी गयी. स्थानीय लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था दिये बिना ही कहीं पाइपलाइन काट दिया गया, तो कहीं नाला में पोल डाल दिया गया. इससे जलजमाव प पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. भीखनपुर नया टोला के 800 घरों में पानी आना बंद हो गया. एक टैंकर पानी भेजा रहा है. पानी के लिए मारामारी की स्थिति बन रही है. इन क्षेत्रों में मचा है हाहाकार इन दिनों वार्ड 36 अंतर्गत मुंदीचक, भीखनपुर नया टोला, जानकी प्रसाद लेन, राधा देवी लेन, रासबिहारी लेन व महादलित टोला में पानी के लिए लोगों को दिनभर जद्दोजहद करना पड़ रहा है. मुंदीचक समेत मिनी मार्केट समीप, रासबिहारी लेन, महादलित टोला आदि मोहल्ले में 15 हजार की आबादी के बीच पानी जुटाने की बड़ी समस्या है. सभी जगह कुछ देर के लिए सप्लाइ पानी आता है, जो कि पीने लायक नहीं है. मुंदीचक महादलित टोला भी अछूता नहीं 1500 से अधिक की आबादी वाले क्षेत्र मुंदीचक महादलित टोला में पेयजल संकट की अलग ही स्थिति है. यहां पर एक चापाकल लगा है, जो महीनों से खराब पड़ा है. दो नल की टोटी लगायी गयी है. इससे इतना समय भी पानी नहीं आता है लोगों को पर्याप्त मिल सके. पहले पानी लेने के लिए सुबह तीन बजे से डब्बे लेकर लाइन लग जाती है. कहते हैं लोग दूसरे से पानी मांग कर पीते हैं या फिर दूसरे मोहल्ले के बोरिंग पर लाइन में लगकर पानी लेते हैं. कोई विकल्प नहीं है. सप्लाई पानी गंदा आ रहा है. सूर्यदेव कुमार ————- दूसरे मोहल्ले से पानी ढोकर लाता हूं.. पानी के लिए दिनभर परेशान रहती हूं. बार-बार पार्षद को बोल चुके हैं. एक चापाकल चार साल से खराब पड़ा है. सुमन शर्मा ———– मुंदीचक क्षेत्र में 10 साल से पानी की समस्या है. पानी के लिए हर दिन तप करना पड़ता है. किसी तरह पाइप से पानी निकालते हैं. दिलीप कुमार ———- दिन भर पानी के लिए लगे रहना पड़ता है. तब पानी मिल पाता है. कभी-कभी तो पानी आता भी नहीं है. कभी टैंकर से तो कभी इधर-उधर से पानी लेना पड़ता है. सुमन कुमार बंटी ————– कहते हैं जिम्मेदार डीएम से लेकर नगर आयुक्त व मेयर को 200 लोगों का हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपा, लेकिन अभी तक पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी. ठेकेदार की लापरवाही के कारण पाइपलाइन तोड़ दिया गया. इससे पेयजल संकट गहरा गया. एक टैंकर पानी आता है, लेकिन पर्याप्त नहीं है. आचार संहिता के कारण जनांदोलन नहीं कर पा रहे हैं. लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. अमित कुमार ट्विकल, पार्षद, वार्ड 36 ————–
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