स्टेशन पर लगी आग, अफरातफरी

हादसा. स्टेशन की बिजली रही घंटों गुल, कामकाज पर पड़ा असर भागलपुर : स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सोमवार की दोपहर टिकट बुकिंग ऑफिस के सामने वायरिंग केबुल में आग लग गयी. इससे वायरिंग से धुआं और आग की लपटों उठने लगी. प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ट्रेन के इंतजार में खड़े रेल यात्रियों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2017 3:24 AM

हादसा. स्टेशन की बिजली रही घंटों गुल, कामकाज पर पड़ा असर

भागलपुर : स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर सोमवार की दोपहर टिकट बुकिंग ऑफिस के सामने वायरिंग केबुल में आग लग गयी. इससे वायरिंग से धुआं और आग की लपटों उठने लगी. प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ट्रेन के इंतजार में खड़े रेल यात्रियों में अफरातफरी मच गयी. गनीमत थी कि उस समय कोई ट्रेन नहीं आ रही थी, वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, मगर स्टेशन की बिजली एक घंटे से ज्यादा देर तक ठप रही.
यूपीएस (इनवर्टर) के चलते केवल बुकिंग और रिजर्वेशन ऑफिस को बिजली मिल रही थी, जिससे टिकट बिक्री होती रही. अन्य सभी सेक्शन के कार्य पूरी तरह ठप रहे. उमस भरी गरमी के कारण रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को अॉफिस छोड़ बाहर रहना पड़ा. केबुल की मरम्मत के बाद दोपहर लगभग 2.15 बजे स्टेशन की बिजली चालू हुई. उसके बाद अधिकारी व कर्मचारी काम पर लौटे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वायरिंग केबुल से पहले धुआं उठना शुरू हुआ. उसके बाद आग की लपटें उठने लगी. आग को देख यात्री भागने लगे. इससे अफरातफरी मच गयी. इसके बाद इंजीनियरिंग सेक्शन ऑफिस में फोन किया.
घंटी बजती रही, मगर किसी ने रिसीव नहीं किया. इसके बाद जब रेलकर्मी सेक्शन ऑफिस पहुंचे, तो वहां कोई था. जब काफी देर तक इंजीनियरिंग सेक्शन से कोई नहीं पहुंचा, तो रेल कर्मियाें ने ही डंडा मार कर
आग बुझायी. इस दौरान वायरिंग केबुल क्षतिग्रस्त हो गया.
रेलकर्मियों ने डंडा मार कर आग बुझायी, इंजीनियरिंग सेक्शन लापरवाह
रेलवे पूछताछ केंद्र ठप
घटना के बाद बिजली आपूर्ति प्रभावित होने के चलते रेलवे पूछताछ केंद्र ठप पड़ गया. स्टेशन पर ट्रेनों के संबंध में की जानेवाली घोषणा होनी बंद हो गयी. बिजली आपूर्ति ठीक होने तक गाड़ियों के आने-जाने की सूचना नहीं मिलने से रेलयात्रियों को परेशानी हुई.
20 साल पुरानी है वायरिंग
भागलपुर रेलवे मालदा का सबसे ज्यादा कमाऊ व ए-वन श्रेणी का स्टेशन है, लेकिन यहां की वायरिंग 20 से ज्यादा पुरानी है. इसको बदलने को लेकर कोई पहल नहीं हो रही है. वायरिंग कमजोर हो चुकी है.

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