एनटीपीसी कहलगांव में गहराया कोयला संकट

कहलगांव : झारखंड के गोड्डा जिला के ललमटिया कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति में भारी गिरावट से कहलगांव एनटीपीसी में कोयला संकट गहराता जा रहा है. 2340 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना की सभी यूनिटों को फुल लोड पर चलाने के लिए हर रोज 12 रैक कोयले की जरूरत है. लेकिन अभी महज सात-आठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2017 4:18 AM

कहलगांव : झारखंड के गोड्डा जिला के ललमटिया कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति में भारी गिरावट से कहलगांव एनटीपीसी में कोयला संकट गहराता जा रहा है. 2340 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना की सभी यूनिटों को फुल लोड पर चलाने के लिए हर रोज 12 रैक कोयले की जरूरत है. लेकिन अभी महज सात-आठ रैक कोयले की ही आपूर्ति हो रही है. अब एनटीपीसी के स्टाॅक में भी महज 70 हजार टन कोयला बचा है, जो दो दिनों में खत्म हो जायेगा.

बंद हो सकती हैं और यूनिट
परियोजना के जीएम (इंधन) एसएम झा ने बताया कि कोयला आपूर्ति में सुधार नही हो पा रहा है. गुरुवार को 82 फीसदी पीएलएफ पर एनटीपीसी की 500 की तीन यूनिट और 210 मेगावाट की तीन यूनिटों से कुल 40 मिलियन यूनिट का उत्पादन किया गया. स्टाॅक के कोयला में भी भारी गिरावट हो रही है. 28 मई को 210 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नंबर 04 को ओवरहाॅलिंग कर बंद किया जा चुका है.अगर आपूर्ति मे सुधार नहों हुआ, तो और यूनिटो भी बंद करनी पड़ सकती है.
स्टॉक में 70 हजार टन
रोजाना 12 रैक कोयले की जरूरत, आठ रैक की हो रही आपूर्ति
कोयले के अभाव में 28 मई से बंद पड़ी है यूनिट नंबर 04
खदान हादसे के बाद से आपूर्ति प्रभावित
बता दें कि इसीएल की राजमहल परियोजना में पांच माह पूर्व हुए कोयला खदान हादसे के बाद से ही कहलगांव एनटीपीसी में कोयला आपूर्ति में कमी आ गयी है. अभी एमजीआर, पांडेसर, आसनसोल से मात्र आठ रैक कोयले की आपूर्ति हो पा रही है. परियोजना की सभी यूनिटों को चलाने के लिए 12-13 रैक की जरूरत पड़ती है. इसमें लगभग 45-50 हजार टन कोयला रहता है. फिलहाल जो स्टाॅक बचा है वह सभी यूनिटों को चलाने के लिए नाकाफी है.

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