भागलपुर : वर्ष 2007 में नाथनगर थाने में पदस्थापित एएसआइ लाल बहादुर और सिपाही रामचंद्र राय बरखास्त करने के बाद इन दोनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार हाइकोर्ट ने इन दोनों पुलिसकर्मी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए न सिर्फ इनकी नौकरी बहाल की बल्कि पिछले लगभग 10 साल का पैसा भी देने का निर्देश दिया है. इन दोनों पर आरोप लगाया गया था कि औरंगजेब नाम के शख्स को इन दोनों ने पीटा और मोटरसाइकिल में बांध कर घसीटा.
मीडिया में खबर आने के बाद एसएसपी की अनुशंसा पर तत्कालीन डीआइजी ने 29 अगस्त 2007 को सिपाही रामचंद्र राय और 30 अगस्त 2007 को एएसआइ लाल बहादुर को बरखास्त कर दिया. औरंगजेब ने बाद में बताया था कि लोगों ने उसे पकड़ लिया था और पीट रहे थे. अगर यह दोनों पुलिसकर्मी नहीं पहुंचते, तो भीड़ इनकी जान ले लेती.