ग्रामीणों का एनएच 80 पर धरना, जाम
व्यवस्था के खिलाफ रोष. पीरपैंती के बाबूपुर व मधुबन दियारा में वर्षों से नहीं है बिजली पीरपैंती प्रखंड के बाबूपुर व मधुबन दियारा के लोगों ने बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर मंगलवार को बिहार-झारखंड सीमा पर बने चेकपोस्ट के पास पीरपैंती-साहिबगंज एनएच 80 जाम कर दिया और धरना पर बैठ गये. पीरपैंती : जाम […]
व्यवस्था के खिलाफ रोष. पीरपैंती के बाबूपुर व मधुबन दियारा में वर्षों से नहीं है बिजली
पीरपैंती प्रखंड के बाबूपुर व मधुबन दियारा के लोगों ने बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर मंगलवार को बिहार-झारखंड सीमा पर बने चेकपोस्ट के पास पीरपैंती-साहिबगंज एनएच 80 जाम कर दिया और धरना पर बैठ गये.
पीरपैंती : जाम के कारण आवागमन ठप हो गया, जिससे एनएच पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गयीं. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पीरपैंती के पूर्व विधायक अमन कुमार व मंडल अध्यक्ष शिबबालक तिवारी व सिंताशु मंडल ने कहा कि ग्रामीण वर्षों से इन गांवों में बिजली की मांग कर रहे हैं, लेकिन इनकी समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है. बाध्य होकर सड़क पर उतरना पड़ा. ऋषिकेश सिंह, दिलीप मिश्रा, सचिन पांडे, रामनारायण मंडल आदि ने भी सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति की निंदा करते हुए गांव में शीघ्र बिजली व्यवस्था करने की मांग की.
प्रशिक्षु आइपीएस व डीसीएलआर पहुंचे :
जाम और बीच सड़क पर धरना दिये जाने की सूचना मिलने पर कहलगांव के थानाध्यक्ष प्रशिक्षु आइपीएस जितेंद्र कुमार, डीसीएलआर रविरंजन गुप्ता व पीरपैंती के थानाध्यक्ष परशुराम सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों से वार्ता की. ग्रामीणों ने बताया कि पहले इन गांवों में झारखंड होकर बिजली आती थी. राज्य के बंटवारे के बाद झारखंड से बिहार के क्षेत्र की बिजली काट दी गयी. तब से यहां बिजली नहीं है.
पूर्व विधायक द्वारा धरना प्रदर्शन का नोटिस दिये जाने पर कहलगांव के एसडीओ ने फ्रेंचाइजी कंपनी से पत्राचार किया था, जिस पर कंपनी के अधिकारी ने लिखित रूप से बताया था कि बाबूपुर गांव फ्रेंचाइजी कंपनी के डिस्ट्रीब्यूशन एरिया में नहीं है. इसलिए इसकी जिम्मेदारी एसबीपीडीसीएल की है.
गांव पहुंचे अधिकारी, लिया स्थिति का जायजा : इसके बाद अधिकारियों ने आंदोलनकारियों के साथ बाबूपुर गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. इस बीच विभाग के कार्यपालक अभियंता तथा सहायक अभियंता भी गांव में पहुंचे.
शीघ्र विद्युतीकरण का दिया आश्वासन : कार्यपालक अभियंता ने डीसीएलआर को बताया कि फ्रेंचाइजी कंपनी को काम देते समय ही झारखंड से जिन गांवों को बिजली मिल रही थी, वहां विद्युतीकरण करने की जिम्मेदारी भी दी गयी थी. उन्होंने पूर्व विधायक और ग्रामीणों के बीच गांव का शीघ्र विद्युतीकरण कराने का आश्वासन दिया.