चांदन में तीन डूबे, दो मरे दुखद. जगदीशपुर के तरडीहा बहियार में हुआ हादसा

जगदीशपुर : जगदीशपुर थाना क्षेत्र के तरडीहा बहियार के पास चांदन नदी में शुक्रवार की दोपहर तीन छात्र डूब गये, जिनमें से दो की मौत हो गयी. मृत छात्र पुरैनी बाजार निवासी रामू प्रसाद साह के पुत्र गणपत कुमार साह (15) व मुनिलाल साह उर्फ मुन्ना साह के पुत्र प्रिंस कुमार (13) थे. राजेश मालाकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2017 4:11 AM

जगदीशपुर : जगदीशपुर थाना क्षेत्र के तरडीहा बहियार के पास चांदन नदी में शुक्रवार की दोपहर तीन छात्र डूब गये, जिनमें से दो की मौत हो गयी. मृत छात्र पुरैनी बाजार निवासी रामू प्रसाद साह के पुत्र गणपत कुमार साह (15) व मुनिलाल साह उर्फ मुन्ना साह के पुत्र प्रिंस कुमार (13) थे. राजेश मालाकार के पुत्र बादल कुमार (18) की जान बच गयी. गणपत का मैट्रिक का रिजल्ट एक दिन पहले ही आया था. उसने तृतीय श्रेणी से पास किया था. प्रिंस भागलपुर के मारवाड़ी पाठशाला में नौवीं कक्षा में पढ़ता था.

तीनों दोस्त शुक्रवार को दोपहर बाद करीब एक बजे अपने गांव से करीब दो किलोमीटर दूर तरडीहा बहियार के समीप चांदन नदी में स्नान के लिए गये थे. किसी को तैरना नहीं आता था. इसलिए गहरे पानी में जाते ही वे डूबने लगे. बादल तो एक बच्चे के सहारे अपनी जान बचने में सफल रहा, लेकिन अन्य दोनों डूब गये. नदी के पास मौजूद कुछ बच्चों ने शोर मचाया तो आसपास में मौजूद लोग वहां पहुंचे और दोनों छात्रों के बचाने के लिए नदी में कूदे. कुछ देर पानी के अंदर खोजबीन के बाद प्रिंस को निकला और उसे पुलिस की सहायता से उपचार के लिए मायागंज भेजा, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
दूसरे छात्र गणपत को खोजने मे करीब करीब दो घंटे का समय लग गया. बाहर निकाल कर उसे भी जगदीशपुर पीएचसी ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया. जगदीशपुर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के बाद यूडी केस दर्ज किया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बीडीओ चंद्रभूषण गुप्ता ने बताया कि मृत छात्रों के परिजनों को आपदा कोष से मुआवजा दिया जायेगा.
एक दिन पहले ही गणपत ने पास की थी मैट्रिक की परीक्षा
प्रिंस मारवाड़ी पाठशाला में नौवीं कक्षा में पढ़ता था
एक-दूसरे को बचाने का प्रयास
सकुशल बचे छात्र बादल ने पुलिस को बताया कि गणपत ने हमलोगों को नदी नहाने के लिए लाया था. नदी में हमलोग स्नान के लिए उतरे. करीब आधे घंटे तक हमलोग नहाते रहे. इसके बाद अचानक गणपत गहराई में जाकर डूबने लगा. उसे बचाने के लिए मैं कूदा, तो मैं भी डूबने लगा. यह देख प्रिंस गणपत को बचाने के लिये आगे बढ़ा, तो डूबने लगा. तभी एक बच्चे की सहयता से मैं किसी तरह बाहर निकल गया. प्रिंस और गणपत कुछ देर हाथ-पांव मारने के बाद डूब गये. बच्चों के शोर मचाने पर पहुंचे कुछ तैराक पानी में कूदे और दोनों को निकलाने का प्रयास करने लगे. कुछ देर के प्रयास के बाद ही प्रिंस को उनलोगों ने बाहर निकाल दिया लेकिन गणपत की तलाश मे तैराकों को करीबों दो घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी लेकिन अंत में उसे भी पानी की अंदर से निकाल लिया गया.
विधवा मां का तोड़ गया सपना
एक ही गांव के दो छात्रें के पानी मे डूबकर मरने की खबर से पुरैनी मे कोहराम मच गया. परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो रहा था. मृत छात्र गणपत के पिता रामू साह की मौत करीब चार-पांच साल पहले बीमारी से हो गयी थी. उसकी मां माला देवी मेहनत मजदूरी कर उसे पढ़ा रही थी. वह घूम घूम कर हलुआ बेचती थी और उसी से घर का गुजारा होता था. उसे उम्मीद थी कि बेटा पढ़ लिख कर उसका सारा दुख दूर कर देगा. लेकिन उसे सारे सपने टूट गये. छात्र प्रिंस के पिता मुनिलाल साह उर्फ मुन्ना साह छोटा मोटा रोजगार करते हैं.

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