चांद का हुआ दीदार, ईद आज
भागलपुर : ईद का चांद दीदार होते हुए रोजेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. ईद सोमवार को मनाया जायेगा. बच्चों से लेकर बड़ों में ईद की खुशी देखते ही बन रही थी. ईद होने की खुशी में बच्चों ने आतिशबाजी किया. मोबाइल पर लोग एक -दूसरे को ईद की मुबारकवाद दे रहे थे. ईद […]
भागलपुर : ईद का चांद दीदार होते हुए रोजेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. ईद सोमवार को मनाया जायेगा. बच्चों से लेकर बड़ों में ईद की खुशी देखते ही बन रही थी. ईद होने की खुशी में बच्चों ने आतिशबाजी किया. मोबाइल पर लोग एक -दूसरे को ईद की मुबारकवाद दे रहे थे. ईद के चांद होते ही मुसलिम बहुल इलाके में चहल -पहल बढ़ गयी. खास कर महिलाएं में ईद का उत्साह चरम पर था. महिलाएं मेहंदी लगाने में मशगूल रही. ईद में पकने वाले पकवान को लेकर तैयारी शुरू कर दी. इफ्तार करने के बाद ईद का चांद देखने के लिए लोग अपने घर की छतों पर जमे रहे. चांद देखते ही लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकवाद देनी शुरू कर दी.
प्रेम का संदेश देती है ईद
इधर, ईद की चांद को लेकर खानकाह- ए- शहबाजिया में सज्जादानशीन ने विभिन्न मुहल्लों के इमामों के साथ बैठक की. उन्होंने बताया कि ईद का चांद दिखा गया है. लिहाजा सोमवार को ईद मनायी जायेगी. सज्जादानशीन मौलाना सैयद शाह इंतेखाब आलम शहबाजी हुजूर मियां ने कहा कि ईद शांति, भाईचारा व प्रेम का संदेश देता है. इसमें लोगों को सारे गिले शिकवा भुला कर लोगों को एक -दूसरे से गले मिले. उन्होंने कहा कि इस बात का गम है कि रमजान हम से जुदा हो गया. इसकी खुशी अल्लाह ने ईद के रूप में अता फरमाया है.
ईद की खुशी लोगों बांटे
खानकाह -ए- पीर दमड़िया के साहिबे सज्जादा सैयद शाह फखरे आलम हसन ने कहा कि रमजानुल मुबारक का महीना लोगों से रुखसत हो गया, क्योंकि यह महीना रहमतों व बरकतों का था. इस माह के जाने से लोग गमगीन हैं. अल्लाह ने रोजेदारों को ईद की खुशी अता फरमायी है. ईद की खुशी आपस में सभी लोग बांटे. समाज के सभी लोगों के साथ भी ईद मिल कर मनाये. पुराने हर गिले-शिकवा को भुला कर आपस में गले मिले.
रईस, सुलतान व लखनवी
कुरता से पटा बाजार
ईद हो और रईस, सुलतान व लखनवी कुरता-पायजमा की बात न हो यह कैसे मुमकिन है. तातारपुर बाजार में अलग -अलग डिजाइनों के पायजामा और कुरते बिक रहे थे. रईस, सुलतान व लखनवी कुरते की धूम रही.
कुरता विक्रेता राशीद जमाल, हाजी मो कासीम ने बताया कि ईद के मौके पर कुरता -पायजामा की अच्छी बिक्री है. देर रात तक कुरता- पायजामा खरीदने के लिए लोग आते रहते हैं.
मजहबी सीडी कैसेट की धूम : माहे रमजान में मुसलिम इलाकों में मजहबी सीडी कैसेट खूब बज रहे थे. जगह -जगह कुरान-ए-पाक की आयतें गूंजती रही. कव्वाली व नातिया कलाम के सीडी कैसेट की काफी मांग थी.
लजीज जायके की धूम : दिन में रोजा, तो शाम में इफ्तारी की धूम है. मुसलिम बहुल इलाके तातारपुर, चंपानगर आदि में खाने की होटलों में कबाव, बिरयानी, मुर्ग-मुसल्लम से लेकर पराठा, शाही टुकड़ा आदि खूब बिके.
इसलामिक किताबें भी खूब बिकी
इबादत का मौका आते ही बाजारों में इसलामिक किताबों की बिक्री भी खूब हो रही थी. दुकानदारों ने बताया कि कुरान -ए- पाक, सच्ची नमाज, पंच सूरह आदि किताबों की बिक्री अच्छी खासी रही.
तस्वीह की हुई बिक्री
सिर ढकने के लिए टोपी और पढ़ने के लिए तस्वीह भी जरूरी है. कलमा व दरूद पढ़ने के लिए तस्वीह की जरूरत पड़ती है. बाजार में 100 दानों से लेकर 1000 दानों तक की तस्वीह मिल रही थी. 10 से लेकर 200 रुपये तक तस्वीह की कीमत थी.
बकरखानी भी खूब बिके
मैदा, दूध, खोये, घी, रिफाइन, चीनी नारियल का बुरादा से तैयार की गयी रोटी. जिसे शीरमाल भी कहा जाता है. बाजारों में शीरमाल व बकरखानी 10 से लेकर 100 रुपये तक के बिक रहे थे.