जब जेल में भिड़ी महिला बंदी रूपम पाठक व नक्सली कमांडर भारती… जानें फिर क्या हुआ ?
पटना से आयी दो सदस्यीय जांच टीम ने माना भागलपुर : पटना से आयी दो सदस्यीय टीम ने रविवार को विशेष केंद्रीय कारा में दो महिला कैदियों के बीच हुए मारपीट के मामले की जांच की. इस दौरान जेल में तैनात काराकर्मियों व बंदियों से सवाल-जवाब हुआ. कुछ डॉक्यूमेंट को देखा-जांचा गया. टीम ने प्रथम […]
पटना से आयी दो सदस्यीय जांच टीम ने माना
भागलपुर : पटना से आयी दो सदस्यीय टीम ने रविवार को विशेष केंद्रीय कारा में दो महिला कैदियों के बीच हुए मारपीट के मामले की जांच की. इस दौरान जेल में तैनात काराकर्मियों व बंदियों से सवाल-जवाब हुआ. कुछ डॉक्यूमेंट को देखा-जांचा गया. टीम ने प्रथम दृष्ट्या जांच में पाया कि महिला बंदी रूपम पाठक व नक्सली कमांडर भारती के बीच मारपीट हुई थी. ऐसे में अब यह सवाल उठने लगा है कि महिला कैदियों के बीच हुई मारपीट को रोकने में जेल प्रशासन कैसे चूक गया. अब टीम आइजी जेल को अपनी जांच रिपोर्ट देगी. इसके बाद कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.
रविवार की सुबह 10:50 बजे डीआइजी प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विसेज पीएन सिंह व विशेष कार्य पदाधिकारी अंजनी कुमार शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारा पहुंचे. यहां पर दोनों पदाधिकारियों ने जेल अधीक्षक बीके राय की अगुवाई में गारद की सलामी ली. इसके बाद दोनों पदाधिकारी जेल के अंदर गये.
अपराह्न 1:45 बजे जेल से बाहर मीडिया से मुखातिब डीआइजी प्रिजन एंड करेक्शनल सर्विसेज पीएन सिंह व ओएसडी अंजनी कुमार ने बताया कि जेल के अंदर महिला कैदियों, विवाद में शामिल रूपम पाठक, भारती विवाद के दिन ड्यूटी पर तैनात कारा के कर्मचारियों समेत कई दर्जन लोगों से पूछताछ की गयी. जांच में प्रथम दृष्ट्या पाया गया कि उस दिन महिला कैदी रूपम पाठक व भारती के बीच मारपीट हुई थी.
महिला कैदियों की देख-रेख व सुरक्षा के बाबत कोई खामी नहीं मिली. जांच के बाद करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट का भी टीम ने अवलोकन किया. इसके अलावा मारपीट के कारणों की वजह तलाशने का प्रयास किया गया. श्री सिंह ने बताया कि रिपोर्ट को आइजी जेल को सौंप दिया जायेगा. तदनुसार दोषी पाये जानेवाले के खिलाफ कार्रवाई होगी. इस दौरान शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारा के अधीक्षक बीके राय, विशेष केंद्रीय कारा के अधीक्षक जेएल प्रभाकर आदि मौजूद थे.
क्या था मामला
कुछ दिन पहले महिला बंदियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर रूपम व भारती के बीच भिड़ंत हुई थी.रूपम, विधायक राज किशोर केसरी हत्याकांड की सजायाफ्ता है, जबकि मुजफ्फरपुर की रहनेवाली भारती नक्सली संगठन की हार्डकोर कमांडर है. दोनों के बीच मारपीट के साथ उनके समर्थक महिला बंदियों में भी झड़प हुई थी. घटना की शुरुआत एक सप्ताह पहले महिला बंदियों के बच्चों की लड़ाई से हुई थी. रूपम व भारती अलग-अलग बंदियों के पक्ष में उतरीं और आपस में भिड़ गयीं. दोनों गुटों में करीब पांच बार भड़प हुई थी.
इसकी जानकारी जब एसएसपी मनोज कुमार को मिली, तो उन्होंने जेल अधीक्षक को तलब कर कार्रवाई करने को लिखा. 19 जून को जेल के निरीक्षण के दौरान भी एसएसपी ने जेल अधीक्षक से इस मुद्दे पर बात की. अधीक्षक ने उन्हें बताया था कि दोनों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि एक दूसरे से आमना-सामना न हो सके.
इसके अलावा महिला कारा में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गये थे. इसके बाद आइजी जेल के निर्देश के बाद दोनों पदाधिकारी रविवार को जांच को केंद्रीय कारा की जांच को पहुंचे थे. नक्सली बंदी भारती एक साल पहले भागलपुर केंद्रीय कारा में आयी थी. इसके पहले महिला बंदियों के बीच रूपम पाठक का वर्चस्व था. एसएसपी मनोज कुमार के निर्देश पर जेल प्रशासन ने दोनों को अलग-अलग वार्डों में शिफ्ट कर सुरक्षा बढ़ा दी थी.