भागलपुर : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. अगर यह सोच रहे हैं कि अभी समय है, आखिरी दिन तक में आइटीआर फाइल करेंगे, तो आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आखिरी दिनों में इनकम टैक्स की वेबसाइट पर इतना ज्यादा लोड हो जाता है कि साइट पर ठीक तरह से रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आने लगती है. इस वजह से समय का फायदा उठाते हुए ऑनलाइन आइटीआर फाइल किया जा सकता है. इससे रिटर्न भी जल्द मिलेगा.
अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं की तो जुर्माना देना पड़ सकता है. आयकर सूत्र की मानें, तो रिटर्न फाइल करने पर पांच हजार रुपये की लेट रिटर्न फाइलिंग फीस देनी होगी. 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल किया तो 10 हजार लेट फीस देनी होगी. लेकिन जिनकी आय पांच लाख रुपये से कम है तो उनके लिए राहत है कि उन्हें लेट फाइलिंग फीस केवल एक हजार रुपये देनी होगी.
आयकर रिटर्न दाखिल करने से पूर्व आयकर नियमों को जरूर देख ले
अाखिरी तिथि का इंतजार न करे : इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) भरने के लिए अक्सर लोग 30 जुलाई तक का इंतजार करते हैं. अंतिम समय में जल्दबाजी के चक्कर में गलतियां होने की गुंजाइश ज्यादा रहती है. इतना ही नहीं किसी तरह की गलती होने पर उसे सुधारने का समय नहीं रहता है. रिटर्न भरने की ऑइनलाइन फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाया है. गलती से बचने के लिए अंतिम तारीख से पहले रिटर्न फाइल कर सकते हैं.
रिटर्न के ऑनलाइन-वेरिफिकेशन में देरी : रिटर्न भरने के बाद इसका वेरीफिकेशन बहुत जरूरी होता है. रिटर्न वेरिफिकेशन नहीं हो जाता तब तक रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी रहती है. करदाता के पास रिटर्न को वेरिफिकेशन करने के लिए दो तरीके होते हैं. पहला या तो इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद इसकी वेरिफिकेशन रसीद 120 दिनों के अंदर सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बेंगलुरु को भेज दें, या फिर नेट बैंकिंग, डीमैट अकाउंट, आधार नंबर और बैंक अकाउंट की डिटेल के माध्यम से कर सकते हैं.
गलत जानकारी के साथ फॉर्म न भरे : ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए पहले आयकर विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा ई-फाइलिंग करते समय गलती न हो इसके लिए व्यक्तिगत जानकारी नाम, पता, जन्म तिथि, ईमेल आइडी, मोबाइल नंबर आदि को कॉलम में सही से भरे.रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आसान है.
बैंक खाते की सही जानकारी देना जरूरी : रिफंड के लिए दावा नहीं कर रहे हैं तब भी अपने बैंक खाते की सही जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है. ई-फाइलिंग करते समय बैंक का नाम, खाता संख्या, आइएफएससी और एमआइसीआर कोड को जरूर चेक कर ले.
गलत वित्तीय डाटा देने से जरूर बचें : अगर सैलरी के अलावा अन्य श्रोत घर के किराये, ब्याज, कमीशन आदि से आय होती है, तो इसका उल्लेख होना चाहिए. वित्तीय डाटा की जानकारी देते समय कई तरह की गलतियां होने की संभावना रहती है, ऐसे में टैक्स विशेषज्ञ का सलाह लेना बेहतर होगा.
समय पर रिटर्न फाइल नहीं की तो देना पड़ सकता है जुर्माना
पांच लाख रुपये से कम आय वाले को राहत, लेट फाइलिंग फीस केवल एक हजार रुपये
आयकर रिटर्न दाखिल करने से पहले जरूर देखें आयकर नियमों को