स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 107.50 करोड़ से होना है घाटों का सौंदर्यीकरण
ऐसे में कैसे बने स्मार्ट सिटी स्मार्ट सिटी कंपनी कर रही रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की तैयारी, नगर निगम उस तैयारी में डाल रहा बाधा भागलपुर : भागलपुर नगर निगम में रहनेवाले लोगों की जेहन में सिर्फ इतनी बातें हैं कि यह क्षेत्र स्मार्ट सिटी परियोजना से कुछ वर्षों के बाद चमकता-दमकता दिखेगा. इसकी तैयारी भी […]
ऐसे में कैसे बने स्मार्ट सिटी
स्मार्ट सिटी कंपनी कर रही रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की तैयारी, नगर निगम उस तैयारी में डाल रहा बाधा
भागलपुर : भागलपुर नगर निगम में रहनेवाले लोगों की जेहन में सिर्फ इतनी बातें हैं कि यह क्षेत्र स्मार्ट सिटी परियोजना से कुछ वर्षों के बाद चमकता-दमकता दिखेगा. इसकी तैयारी भी स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड का बोर्ड कर रहा है. लेकिन दूसरी ओर नगर निगम जिस तरह का काम कर रहा है, उससे लग रहा है कि वह अपने ही स्मार्ट सिटी की भावी योजनाओं पर पानी फेरने के लिए पूरी ताकत लगा दी गयी हो. स्मार्ट सिटी एक तरफ 107.50 करोड़ की लागत से रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना की तैयारी कर रहा है. इसकी घोषणा स्मार्ट सिटी का बोर्ड कुछ माह पहले कर चुका है. लेकिन घाटों पर कूड़ा गिराने का सिलसिला थम नहीं रहा है.
होना है सौंदर्यीकरण : स्मार्ट सिटी परियोजना से रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना को धरातल पर उतारा जाना है. इसके तहत घाटों का सौंदर्यीकरण होना है. घाटों पर सीढ़ी का निर्माण, पौधरोपण, बैठने-टहलने की व्यवस्था आदि की जानी है. लोग सुबह शाम इन घाटों पर कुछ क्षण बिता सकेंगे. घाट की खूबसूरती बढ़ने के बाद बाहर से आनेवाले लाेग भी इस तरफ आकर्षित होंगे और स्थानीय लोगों के नये-नये व्यवसाय शुरू होने की संभावना बढ़ेगी.
हो रहा है कूड़ा गिराव : महाशय ड्योढ़ी के पीछे बंगाली टोला घाट, वार्ड संख्या एक स्थित लालूचक के बगल में पीरमुहान घाट और महादेव सिंह कॉलेज के समीप किला घाट पर नगर निगम द्वारा कूड़े गिराये जा रहे हैं. बदबू से पूरा इलाका परेशान रहता है. इन घाटों से श्रीरामपुर, रसदपुर, गोसाईंदासपुर, हरिदासपुर, बैरिया, अजमेरीपुर, मोहनपुर, दिलदारपुर, दारापुर, शंकरपुर आदि गांवों की तकरीबन डेढ़ लाख आबादी जुड़ी हुई है.
महाशय ड्योढ़ी के पीछे बंगाली टोला घाट पर निर्माणाधीन पुल के बगल में लोग कूड़ा गिराने से परेशान हैं. अब यह कूड़ा नदी में गिरने लगा है.
वार्ड संख्या एक स्थित लालूचक के बगल में पीरमुहान घाट पर बने अधूरे पुल के पहुंच पथ को मिट्टी भर कर तैयार किया गया है. पहुंच पथ पर लगातार कूड़ा गिराया जाने लगा है.
महादेव सिंह कॉलेज के समीप किला घाट पर नदी पर वर्षों से ग्रामीणों ने चचरी बना रखी है. यहां भी घाट किनारे कूड़ा गिराया जा रहा है.