जितना मैंने किया उससे ज्यादा भागलपुर ने लौटाया

भागलपुर : मैंने भागलपुर वासियों के लिए जितना किया उससे कहीं ज्यादा भागलपुर ने मुझे वापस दिया है. मैं इस शहर की शुक्रगुजार हूं. कुछ समय पहले तक मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं थी. पर अब मेरे पीछे लोग लग गये हैं. मैंने अपनी जिंदगी मरीजों के लिए दी, पर अब उन्हें मुझसे दूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2017 6:10 AM

भागलपुर : मैंने भागलपुर वासियों के लिए जितना किया उससे कहीं ज्यादा भागलपुर ने मुझे वापस दिया है. मैं इस शहर की शुक्रगुजार हूं. कुछ समय पहले तक मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं थी. पर अब मेरे पीछे लोग लग गये हैं. मैंने अपनी जिंदगी मरीजों के लिए दी, पर अब उन्हें मुझसे दूर किया जा रहा. मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है.

मैंने कोई नौकरी तो की नहीं जाे पेंशन मिलेगी. बड़ी बहन नौकरी करती थी पर पेंशन कुछ खास नहीं मिलती. हजारों महिलाओं को नयी जिंदगी देने और सैंकड़ों बच्चों को इस दुनिया में लाने वाली मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गीता मजूमदार इतना कहते हुए रो पड़ी. बुजुर्ग डॉक्टर ने कहा कि वह रोजाना नीचे आकर दो घंटे बैठती हैं, मरीज आते हैं पर उन्हें गेट के बाहर से ही लौटा दिया जाता है. शरीर से लाचार डॉ गीता बाहर निकल कर किसी को कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि पड़ोस के एक व्यक्ति का दामाद उन्हें उनकी बहन को मर जाने की बात कहता है. डॉ गीता का कहना है कि उनकी बड़ी बहन ने उनके लिए बहुत त्याग किया है पर उन्हें भी अब कष्ट हो रहा. उनका कहना है कि उनकी बहन को जब कष्ट होता है तो वे बहुत दुखी होती हैं. डॉ गीता मजूमदार को धमकी मिलने की बात सामने आने के बाद तिलकामांझी पुलिस की गश्ती गाड़ी राेजाना दो बार उनके घर के पास जाती है.

डाॅ गीता मजूमदार लोगों के व्यवहार से आहत हैं, अभी तक भागलपुर ने जो भी दिया है उसके लिए धन्यवाद कहा
अपनी बड़ी बहन गौरी मजूमदार के साथ बुढ़ापे की जिंदगी काट रही डॉ गीता बात करते हुए रो पड़ीं
डॉ गीता ने कहा, रोजाना दो घंटे बैठती हूं पर मरीज को अंदर नहीं आने देते लोग

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