बच्चे दूर गये, थमी जात्रा की गति

पलायन. शहर की कई बंगाली नाट्य संस्थाएं हुईं बंद देखना उजड़ न जाये संस्कृति : 4 भागलपुर : बंगालियों के पलायन के पीछे एक कारण राेजगार की तलाश भी था. नयी पीढ़ी पढ़ने-लिखने के बाद बड़े शहरों में बसने जाने लगे और उन्हें अपना ही शहर बेगाना लगने लगा. संस्कृति से जुड़ाव रखनेवाले उनके माता-पिता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2017 4:11 AM

पलायन. शहर की कई बंगाली नाट्य संस्थाएं हुईं बंद

देखना उजड़ न जाये संस्कृति : 4
भागलपुर : बंगालियों के पलायन के पीछे एक कारण राेजगार की तलाश भी था. नयी पीढ़ी पढ़ने-लिखने के बाद बड़े शहरों में बसने जाने लगे और उन्हें अपना ही शहर बेगाना लगने लगा. संस्कृति से जुड़ाव रखनेवाले उनके माता-पिता बूढ़े होते चले गये और बाकी बचे लोगों को इससे बहुत लगाव रह नहीं गया. नतीजा यह हुआ कि जात्रा जैसी नाटक की पार्टी का भी अस्तित्व रहा नहीं और करीब एक दर्जन नाट्य संस्था बिखरती चली गयी. वर्ष 1880 में जात्रा पार्टी की शुरुआत हुई थी.
खासकर दुर्गापूजा के अवसर पर होनेवाले इस नाट्य संस्था के नाटकों को देखने के लिए हर समाज के लोग साल भर इंतजार किया करते थे. बंगाली समाज के नेतृत्व में जात्रा जैसी दर्जन भर पार्टियाें के संचालन में बिहारी समाज का भी भरपूर सहयोग हुआ करता था. यह उस दौर की बात थी, जब भागलपुर में बंगालियों की ठीक-ठाक आबादी हुआ करती थी. सांस्कृतिक गतिविधि चलाने के लिए जमींदारों का संरक्षण था. तब मनोरंजन के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं होती थी. समाज में संस्कार को बढ़ावा मिल रहा था. बाद में बंगाली समाज के लिए भी मुद्दा संस्कृति का नहीं, बल्कि जीवन-यापन का बन गया.
वर्षों बाद 2015 में हुआ था मंचन : बंगाली समाज की पहल पर होनेवाले जात्रा के आयोजन का हर समाज मुरीद हुआ करता था. वर्षों बाद दो साल पहले 24 अक्तूबर 2015 की रात जात्रा का कालीबाड़ी में मंचन हुआ था. कोलकाता से कलाकार आये थे और रात भर लोगों ने आनंद उठाया था. भागलपुर जिला गजेटियर के पेज नंबर 156 में इस बात का उल्लेख है कि राजा नारायण बनर्जी, शिवचंद्र खान, बैद्यनाथ चक्रवर्ती, चंद्रनाथ बनर्जी ने अन्य लोगों से सहयोग लेकर 1880 में जात्रा पार्टी की शुरुआत की थी.
संभालनेवाले संस्कृति प्रेमी नहीं रहे, करीब एक दर्जन नाट्य संस्था बिखरती चली गयी
क्यों बिखर गयी ये पार्टियां
मातृरेर ओ होलो रे, बंगाली टोला थियेटर, आदमपुर थियेटर क्लब, हिंदी कीर्तन पार्टी, हिंदी जात्रा पार्टी, संगीत समाज पार्टी, पीडब्ल्यूडी थियेटर क्लब, मिलोनी क्लब, भागलपुर आर्ट प्लेयर एसोसिएशन, ट्रिपल ए ऑर्गनाइजेशन.

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