रोज शाम पांच बजे किलाघाट पीएचसी में लग जाता है ताला

भागलपुर : कागजों में तो शहर के सभी शहरी पीएचसी हर रोज दोपहर 12 बजे से लेकर रात आठ बजे तक डाॅक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. लेकिन हकीकत कुछ और है. शनिवार को शहर के आठ यूपीएचसी में से एक यूपीएचसी किलाघाट की पड़ताल में पाया गया कि शाम पांच बजे ही इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2017 4:12 AM

भागलपुर : कागजों में तो शहर के सभी शहरी पीएचसी हर रोज दोपहर 12 बजे से लेकर रात आठ बजे तक डाॅक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. लेकिन हकीकत कुछ और है. शनिवार को शहर के आठ यूपीएचसी में से एक यूपीएचसी किलाघाट की पड़ताल में पाया गया कि शाम पांच बजे ही इस केंद्र पर ताला लटका हुआ है. पूछने पर पता चला कि यह पीएचसी हर रोज शाम पांच बजे बंद हो जाता है.

पांच बजे डॉक्टर चले जाते हैं घर : किलाघाट छावनी निवासी अरूण महतो बताते हैं कि शहरी पीएचसी हर रोज टाइम से खुल जाता है. यहां पर एक डॉक्टर साहब व दो-तीन नर्सें रहती हैं. मरीजों का इलाज होता है और दवा मिलती है. लेकिन बच्चों के खांसी, सर्दी-जुकाम व बुखार की दवा नहीं मिलती है.
पानी व शौचालय नहीं
कहने को मरीजों का जांच-इलाज करने के लिए पुराने किले में शहरी पीएचसी खुला हुआ है. लेकिन यह यूपीएचसी खुद ही बीमार है. इस केंद्र के आसपास लोग शौच करते हैं, जिसकी बदबू से यहां पर बैठने वाले डाॅक्टर-नर्स व मरीज परेशान होते हैं. यहां पर गंदगी होने के कारण हर रोज यहां पर तैनात नर्स खुद ही सफाई के लिए झाड़ू उठाती हैं.
यही नहीं इस केंद्र को बिजली मयस्सर नहीं है, जिससे शाम ढलने के बाद मोमबत्ती जलाने की नौबत आ जाती है. लगता है इसी कारण यह केंद्र दिन ढलने से पहले बंद हो जाता है. यहीं नहीं यहां पर न तो टायलेट की सुविधा है और न ही शुद्ध पेयजल की. डॉक्टर-नर्स घर से पीने के लिए पानी लाती हैं.

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