बिलिंग मामले में 254 करोड़ के घोटाले के संकेत

भागलपुर : सरकार से ऊर्जा खरीद और उपभोक्तओं के बिलिंग के मामले में 254 करोड़ रुपये का घोटाला होने का संकेत मिला है. फ्रेंचाइजी कंपनी द्वारा चुपके से बैंक में निजी खाता खोलकर पैसे का ट्रांसफर कर लेने का मामला उजागर हुआ है. ऊर्जा विभाग को जब यह पता चला तो विभाग ने एसपीएमएल से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 6:33 AM

भागलपुर : सरकार से ऊर्जा खरीद और उपभोक्तओं के बिलिंग के मामले में 254 करोड़ रुपये का घोटाला होने का संकेत मिला है. फ्रेंचाइजी कंपनी द्वारा चुपके से बैंक में निजी खाता खोलकर पैसे का ट्रांसफर कर लेने का मामला उजागर हुआ है. ऊर्जा विभाग को जब यह पता चला तो विभाग ने एसपीएमएल से न केवल स्पष्टीकरण पूछा है,

बल्कि उन्हें 48 घंटे के अंदर वितरण लाइसेंसीधारी के सक्षम पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा है. अन्यथा अापराधिक मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी है. एसपीएमएल ने पहले से आइसीसीआइ बैंक में तीन कलेक्शन खाता होने की बात कही थी, लेकिन मई 2017 में कंपनी के भेजे बैंक स्टेटमेंट में यूको बैंक में भी कलेक्शन खाता होने का उल्लेख है. इस खाता और इसमें कलेक्शन की गयी राशि की पहले से कोई जानकारी कंपनी ने नहीं दी. ऊर्जा विभाग का कहना है कि इससे यह प्रतीत होता है कि सरकारी पैसे का उपयोग निजी उपयोग के लिए किया जा रहा है. ऊर्जा विभाग ने कंपनी पर सरकारी पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है.

इस माह में अबतक जमा नहीं किया बिल भुगतान : फ्रेंचाइजी कंपनी को इस माह बिल विपत्र जारी हो चुका है. जुलाई के 15 दिन बीत जाने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा ग्राहकों से लिये जाने वाले सिक्यूरिटी डिपोजिट व इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी राशि भी जमा नहीं की गयी है. चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) नरेंद्र सिंह द्वारा पत्र जारी पत्र में इसका भी उल्लेख है. कंपनी से कहा गया है कि ग्राहकों से लिये जाने वाले सिक्यूरिटी डिपोजिट व इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की राशि राज्य सरकार के लिए देय होती है. इस मद में बकाया राशि लगभग 20 करोड़ रुपये है.
फ्रेंचाइजी कंपनी ने खाता का नहीं किया था खुलासा, पता चला तो ऊर्जा विभाग हुआ आग बबूला, पूछा स्पष्टीकरण
घपला घोटाला होता, तो सामने नहीं आता. सब कुछ तो ओपेन है. अगर घोटाला करना ही था, तो बैंक का नाम और डिटेल क्यों देते. इसको छुपा नहीं लेते. एसबीपीडीसीएल को पता नहीं कि बीइडीसीपीएल फ्रेंचाइजी का काम कर रही है. बिलिंग भी बीइडीसीपीएल के नाम से हो रहा है. जो भी नोटिस जारी हो रहा है, वह विभागीय है. नोटिस का जवाब दिया गया.
विनोद असवाल, जीएम, बीइडीसीपीएल

Next Article

Exit mobile version