भागलपुर, संवाददाता : बिहारमेंस्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर पर जालसाजी का गुरुवार को विवि थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. विवि के प्रोक्टर प्रो योगेंद्र के आवेदन पर थाने में तोमर से जुड़े सारे दस्तावेज के साथ केस दर्ज किया गया है. विवि ने आरोप लगाया है कि तोमर ने फर्जीवाड़ा कर विवि से लॉ की डिग्री प्राप्त किया है. इसके लिए तोमर ने राम मनोहर लोहिया अवध विवि से स्नातक साइंस की फर्जी डिग्री व बुंदेलखंड विवि से फर्जी माइग्रेशन टीएमबीयू में जमा किया था.
विवि ने जांच के क्रम पाया कि लॉ की परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान पता भी गलत बताया. मुंगेर घर होने के बाद भी घर का पता दिल्ली बताया. पूर्व कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे के कार्यकाल में तीन दिसंबर को परीक्षा बोर्ड की बैठक में तोमर की डिग्री रद्द करने का अनुशंसा किया था. चार दिसंबर को सिंडिकेट की बैठक में तोमर की लॉ फर्जी डिग्री को रद्द करने के लिए मंजूरी दी थी. 20 मार्च 2017 को सीनेट की बैठक में तोमर की डिग्री रद्द करने का मामला रखा गया था. सभी सदस्यों के मंजूरी के बाद तोमर की डिग्री रद्द कर दिया गया था.
दिसंबर में ही विवि में तोमर मामले को लेकर अनुशासन कमेटी की बैठक हुई. तोमर को लॉ फर्जी डिग्री देने में संलिप्त विवि के 17 लोगों पर सजा सुनायी. विवि कर्मचारी दिनेश श्रीवास्तव व निरंजन शर्मा के निलंबन के लिए राजभवन काे पत्र भेजने की अनुशंसा की गयी. जबकि अनिरूद्ध दास का एक इनक्रिमेंट काटा गया. हालांकि राजभवन से दोनों कर्मचारी के निलंबन को लेकर कोई आदेश अबतक नहीं आया है.
विवि के लीगल ओएसडी राजेश तिवारी ने बताया कि तोमर से जुड़े सारे दस्तावेज के साथ थाना में केस दर्ज करायी गयी है. ज्ञात हो कि डिग्री रद्द किये जाने पर तोमर ने भी पटना हाइकोर्ट में पूर्व कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे पर केस दर्ज करायी है. डिग्री किस आधार पर रद्द किया गया है. इसकी जानकारी विवि से मांगी है.
कोर्ट से निर्णय आने का इंतजार
विवि के रजिस्ट्रार प्रो मोहन मिश्रा ने बताया कि तोमर मामले में साकेत कोर्ट दिल्ली में आरोपित कर्मचारी केस चल रहा है. इसमें 13 आरोपित कर्मचारी शामिल है. क्योंकि मामला कोर्ट में है. विवि ऐसे में उन कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकती है. कोर्ट से आरोप तय होेने के बाद विवि भी आरोपित कर्मचारियों पर सख्त एक्शन ले सकता हैं. कोर्ट के आदेश आने का इंतजार है.
लॉ की फर्जी डिग्री लेने के लिए विवि में ताेमर ने फर्जी कागजात जमा किया. विवि को परेशान करने का काम किया. पूर्व में ही साक्ष्य के आधार पर विवि ने तोमर की डिग्री रद्द कर चुकी है. डिग्री लेने के जालसाजी करने के आरोप में विवि ने तोमर पर केस दर्ज करायी है. (प्रो योंगेद्र, प्रोक्टर टीएमबीयू)
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