करोड़ों की योजना, दुरुस्त होगी जलापूर्ति व्यवस्था
पहल.100 गांव-टोलों के लिए हेड क्वार्टर भेजा डीपीआर भागलपुर : आर्सेनिक व फ्लोराइड के दुष्प्रभाव से गांवों को बचाने के लिए जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार की योजना बन रही है. जिले के पांच प्रखंड सुलतानगंज, जगदीशपुर, नाथनगर, शाहकुंड व गोराडीह (चार पंचायत) के 211 गांवों को चिह्नित किया गया है. यहां रिमूवल यूनिट के साथ […]
पहल.100 गांव-टोलों के लिए हेड क्वार्टर भेजा डीपीआर
भागलपुर : आर्सेनिक व फ्लोराइड के दुष्प्रभाव से गांवों को बचाने के लिए जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार की योजना बन रही है. जिले के पांच प्रखंड सुलतानगंज, जगदीशपुर, नाथनगर, शाहकुंड व गोराडीह (चार पंचायत) के 211 गांवों को चिह्नित किया गया है. यहां रिमूवल यूनिट के साथ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया गया है. इस पर लगभग 3.5 करोड़ खर्च आयेगा.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर (पश्चिमी) ने 100 गांवों के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर भेज दिया है. शेष गांवों के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है. सब कुछ ठीक रहा,तो बरसात के बाद योजना पर काम शुरू हो जायेगा. इसके बाद अगले चार-छह माह में आर्सेनिक व फ्लोराड गांवों को साफ व शुद्ध पेयजल सप्लाई होगी.
211 गांव-टोलों में होगी जलापूर्ति
आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पेयजल के दायरे में आनेवाले गांव-टोलों में रिमूवल यूनिट सहित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा. 211 गांवों के लिए योजना बन रही है. 100 से ज्यादा गांव के लिए डीपीआर बना कर हेड क्वार्टर भेजा गया है. बाकी गांव-टोलों के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है.
सुनील कुमार
कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर (पश्चिमी)
विभाग अब केवल आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त पेयजल के दायरे में आने वाले गांवों के लिए योजना बनायेगी और इसका कार्यान्वयन होगा. बाकी नाइट्रेट व आयरन प्रभावित गांवों के लिए ग्रामीण विकास विभाग से काम होगा.
रंजीत कुमार
कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर (पूरब)
ग्रामीण विकास विभाग से नाइट्रेट व आयरन प्रभावित गांवों के लिए बनेगी योजना
पीएचइडी अब केवल आर्सेनिक-फ्लोराइड युक्त पेयजल के दायरे में आने वाले गांवों की जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने की योजना पर काम करेगा. आयरन और नाइट्रेट युक्त पेयजल के दायरे में आनेवाले गांवों में ग्रामीण विकास विभाग से जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार होगी. पीएचइडी (पश्चिमी) के अनुसार सात निश्चय से 150 गांव-टोलों व इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम (आइएमआइएस) से 61 गांव को शामिल किया गया है.
पीएचइडी (पूरब) से सात निश्चय से 25 एवं आइएमआइएस से 36 गांव-टोले को शामिल किया है. हालांकि पीएचइडी (पूरब) में फ्लोराइड युक्त पेयजल के दायरे में 175 गांव एवं आर्सेनिक प्रभावित 253 गांव है. यहां केवल आर्सेनिक व फ्लोराइड के दुष्प्रभाव से गांवों को बचाने की योजना बनेगी और इस पर काम होगा.