सेंट्रल जेल के 60 साल से ज्यादा पुराने डाकघर होंगे बंद, कैदियों और घर-परिवार के बीच बढ़ जायेगी दूरियां
– इंजीनियरिंग कॉलेज के डाकघर को भी करेगा बंद – डाक विभाग बना रहा डाकघर को बंद करने की योजना – नया डाक घर खोलेगा जिरोमाइल में, नवगछिया कोर्ट परिसर में मार्च तक ब्रजेश, भागलपुर चिट्ठी लिखने का जमाना अब नहीं रहा, जब से मोबाइल फोन आ गया है. लेकिन यह बहुत ज्यादा पुरानी बात […]
– इंजीनियरिंग कॉलेज के डाकघर को भी करेगा बंद
– डाक विभाग बना रहा डाकघर को बंद करने की योजना
– नया डाक घर खोलेगा जिरोमाइल में, नवगछिया कोर्ट परिसर में मार्च तक
ब्रजेश, भागलपुर
चिट्ठी लिखने का जमाना अब नहीं रहा, जब से मोबाइल फोन आ गया है. लेकिन यह बहुत ज्यादा पुरानी बात नहीं है, जब किसी को संदेश भेजने के लिए चिट्ठी का प्रयोग किया जाता था. हालांकि, सेंट्रल जेल के कैदियों ने चिट्ठी लिखने की परंपरा को अभी भी बरकरार रखा है. मगर, यहां भी अब यह परंपरा जल्द ही खत्म हो जायेगा. जेल में बंद कैदी अपने घर-परिवार को चिट्ठी-पतरी के जरिये संदेश नहीं भेज सकेंगे. चिट्ठी के जरिये कैदियों और घर-परिवार के बीच जो नजदीकियां बनी रहती थी, उनके बीच अब दूरियां बढ़ जायेगी. डाक विभाग ने 60 साल से ज्यादा पुराने सेंट्रल जेल डाक घर को बंद करने का फैसला लिया है. इंजीनियरिंग कॉलेज डाकघर को भी बंद करेगा. इन दोनों डाकघर के बंद हो जाने से छात्रों को तो ज्यादा परेशानी नहीं होगी. चूंकि, घर-परिवार से बात करने के लिए उनके पास मोबाइल फोन है. मगर, कैदियों को जेल में मोबाइल फोन रखने अनुमति नहीं है. इसके चलते उन्हें डाकघर की सेवा-सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा.
सजायाफ्ता कैदियों की पारिश्रमिक नहीं हो सकेगी पासबुक में जमा
कैदियों को उनकी रुचि के अनुसार अलग-अलग प्रकार के रोजगार उपलब्ध करायी जाती है. पासबुक में बंदी के काम के पारिश्रमिक की राशि जमा होती है. डाक अधिकारी के अनुसार सेंट्रल जेल के डाकघर में 10 हजार से ज्यादा कैदियों के खाते हैं. डाकघर बंद होने के चलते अब बंदी के काम के पारिश्रमिक की राशि जमा नहीं हो सकेगी और न ही उस राशि का उपयोग बंदी जेल से बाहर निकलने के बाद अपने निजी उपयोग के लिए कर सकेगा.
जिले में बच जायेंगे अब 38 उपडाक घर
जिले में वर्तमान में 40 उपडाक घर हैं, जिसमें से एक सेंट्रल जेल, तो दूसरा इंजीनियरिंग कॉलेज में है. इन दोनों जगहों पर उपडाक घर बंद हो जाने के चलते अब यहां 38 उपडाक घर ही रह जायेंगे. सरकार एक तरफ डाक घर के विस्तारीकरण की बात करती है, तो दूसरी ओर इसको बंद कर रहा है. डाकघर बंद होने से जेल प्रशासन व इंजीनियरिंग कॉलेज प्रशासन को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.
क्यों लेना पड़ा उपडाक घर को बंद करने का फैसला
डाक विभाग के अधिकारी की मानें, तो सेंट्रल जेल व इंजीनियरिंग कॉलेज के उपडाक घर का राजस्व घट गया है. डाकघरों को स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री से ही आय नहीं हो रही है. डाकघरों में काम भी नहीं हो रहा है. डाकघरों से डाक विभाग को कमाई तो दूर, इनका ही खर्च नहीं निकल रहा है. इनकी आय नहीं होने के कारण ये घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं. इस कारण विभाग बंद करने की योजना बना रहा है.
जिरोमाइल में खुलेगा नया उप डाकघर
डाक विभाग जिरोमाइल में नया उपडाकघर खोलने की योजना बना रहा है. इसके लिए जगह तलाशी जा रही है. विभाग का कहना है कि मौजूदा सेंट्रल जेल व इंजीनियरिंग कॉलेज डाकघरों से डाक विभाग को कमाई तो दूर, इनका खर्च नहीं निकल रहा है, इसलिए विभाग इन्हें नयी जगहों पर पुनर्स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिसमें जिरोमाइल नया उपडाक घर होगा. इनसे कमाई हो सकेगी. इसके अलावा दूसरा नवगछिया कोर्ट परिसर में डाकघर खोलने की योजना है, जिसको मंजूरी मिल गयी है और मार्च में स्थापित होगा.
डाक अधीक्षक, डाक विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर, अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि सेंट्रल जेल और इंजीनियरिंग कॉलेज उपडाकघर से आय नहीं होने के कारण ये घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इस कारण विभाग इन्हें शिफ्ट करने की योजना है. दोनों जगहों के बदले जिरोमाइल में नया उपडाक घर के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. जल्द ही हेडक्वार्टर को प्रस्ताव भेजा जायेगा. नवगछिया कोर्ट परिसर के लिए भेजे गये प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है. मार्च तक उपडाक घर खोल दिया जायेगा.