कहलगांव: कहलगांव से सटे गोड्डा जिला (झारखंड) अंतर्गत पथरगामा प्रखंड के बरमसिया गांव से 10 साल की बच्ची प्रमिला हेंब्रम घर से भाग कर कहलगांव आ गयी. बच्ची दूसरी कक्षा में पढ़ती है. उसने बताया कि वह पढ़ना चाहती है, लेकिन उसकी दादी उसे हर रोज धनरोपनी के लिए खेत भेजती है और कमा कर पैसे लाने कहती है. इसी कारण गत रविवार को वह स्कूल ड्रेस में घर से निकल गयी. कुछ दूर पैदल चलने के बाद बस पर सवार हुई और कहलगांव बस स्टैंड पहुंच गयी.
फुटपाथ पर होटल चलाने वाले दंपती ने दी शरण : बस स्टैंड के समीप बच्ची रविवार की देर रात तक भटकती रही. वहां फुटपाथ पर होटल चालाने वाले महालदार व उसकी पत्नी ने उसे भटकते देखा, तो उसे अपने पास रखा. दंपती बच्ची को उसके घर पहुंचाने के प्रयास में कई राहगीरों से संपर्क कर चुकी है. महेश ने कहा मुझे छह बेटी है. इसे भी बेटी की तरह ही रख रहा हूं. इससे पहले भी हम अपने घर से बिछड़े एक बच्ची और एक बच्चा को महीनों बाद उनके घर पहुंचा चुका हूं. इसे भी इसके परिवार के पास पहुंचा दूंगा.
प्रमिला ने बताया : प्रमिला बरमसिया मवि में दूसरी कक्षा में पढ़ती है. उसने बताया कि हम तीन बहनें हैं. मैं सबसे बड़ी हूं. मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन मेरी दादी खेत में कमाने भेज देती है. पिताजी मनोज हेंब्रम बोकारो में मजदूरी करते हैं. मां कटिहार के बसगढ़ा में मजदूरी करती है. मौसी लुखी हेंब्रम पथरगामा में रहती है.