विजय शर्मा हत्याकांड: इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती का बयान दर्ज होगा

भागलपुर : तिलकामांझी थाना के पूर्व थानाध्यक्ष विजय चंद्र शर्मा हत्याकांड में मोजाहिदपुर के पूर्व थानाध्यक्ष और वर्तमान में नवगछिया में स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती का भी बयान दर्ज किया जायेगा. विजय की हत्या से पहले मनोरंजन भारती और विजय की बातचीत का ऑडियो टेप सामने आने के बाद रेेंज डीआइजी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2017 12:03 PM
भागलपुर : तिलकामांझी थाना के पूर्व थानाध्यक्ष विजय चंद्र शर्मा हत्याकांड में मोजाहिदपुर के पूर्व थानाध्यक्ष और वर्तमान में नवगछिया में स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित इंस्पेक्टर मनोरंजन भारती का भी बयान दर्ज किया जायेगा. विजय की हत्या से पहले मनोरंजन भारती और विजय की बातचीत का ऑडियो टेप सामने आने के बाद रेेंज डीआइजी ने उनका भी बयान दर्ज करने का निर्देश दिया है.

विजय से बातचीत में इंस्पेक्टर भारती ने उन्हें अलर्ट रहने को कहा था. डीआइजी विकास वैभव ने अपने कार्यालय में मंगलवार को विजय शर्मा हत्याकांड की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उन्होंने इस केस में अभी तक हुई जांच के बारे में पूछा और कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर काम करने के लिए निर्देश भी दिये. विजय की मां का बयान दर्ज करने का भी निर्देश दिया है. समीक्षा बैठक में सिटी डीएसपी शहरयार अख्तर, केस के आइओ लॉ एंड ऑर्डर इंस्पेक्टर विजय कुमार, तिलकामांझी थानाध्यक्ष संजय कुमार सत्यार्थी और विजय शर्मा के भाई अमर शामिल हुए.

थाना के पुलिस अधिकारियों और सिपाहियों का भी बयान लिया जायेगा. विजय शर्मा हत्याकांड में तिलकामांझी थाना में पदस्थापित उन एसआइ, एएसआइ और सिपाहियों का भी बयान दर्ज करने का निर्देश दिया गया है जो विजय के साथ काम कर चुके हैं. पुलिसकर्मियों से विजय की दिनचर्या, उनके व्यवहार और आदतों के बारे में पूछा जायेगा. गौरतलब है कि उसी थाने में पदस्थापित तत्कालीन एएसआइ राजेंद्र मंडल पर भी विजय के परिजनों ने आरोप लगाया है. विजय के परिजनों का कहना है कि उसकी हत्या की साजिश करने वालों में राजेंद्र मंडल भी शामिल है. राजेंद्र मंडल पर आरोप है कि विजय की हत्या वाली रात उसने विजय के साथ गश्ती पर जाने से मना कर दिया था. राजेंद्र मंडल का तिलकामांझी थाना से तबादला भी हो चुका है.
पूछताछ हो सकती है मनीष और हंसल से. विजय शर्मा की पत्नी और उसके भाई के बयान में मनीष और पार्षद हंसल सिंह का भी जिक्र है. कहा गया है कि विजय ने मनीष से फ्लैट खरीदने को लेकर उसे तीन लाख रुपये दिये थे. बयान में कहा गया है कि हंसल सिंह और मनीष राज के भू-माफिया से संबंध हैं और वे भी साजिश में शामिल हो सकते हैं, लेकिन पुलिस ने जब मोबाइल का टावर लोकेशन खंगाला तो इन दोनों का टावर लोकेशन घटनास्थल के आस-पास का नहीं मिला. पुलिस अधिकारी का कहना है कि इन दोनों से जरूरत पड़ने पर पूछताछ हो सकती है.

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