बच्चों के सामने से उठा ले गये मां को
दहशत . एक तरफ डिजिटल इंडिया, वहीं डायन के नाम पर हो रही हत्या नवगछिया : गोपालपुर थाना क्षेत्र के राजमार्ग स्थित साक्षी धर्मकांटा के पीछे झोपड़ी बना कर रह रहे बदी साह की पत्नी फूलकुमारी देवी की हत्या के बाद उसके चार बच्चे पूरी तरह से बेसहारा हो गये हैं. रविवार को देर रात […]
दहशत . एक तरफ डिजिटल इंडिया, वहीं डायन के नाम पर हो रही हत्या
नवगछिया : गोपालपुर थाना क्षेत्र के राजमार्ग स्थित साक्षी धर्मकांटा के पीछे झोपड़ी बना कर रह रहे बदी साह की पत्नी फूलकुमारी देवी की हत्या के बाद उसके चार बच्चे पूरी तरह से बेसहारा हो गये हैं. रविवार को देर रात जब अपराधी ने बदरी साह के घर आ धमके थे, तो उस समय उसके चारों बच्चे घर पर ही थे. अपराधियों ने निर्ममतापूर्वक सभी बच्चों के सामने ही उनके माता-पिता से मारपीट की और अंतत: उसकी मां को जबरन खींचते हुए ले कर चले गये.
बच्चों क्रमश: काशी कुमार (16), खुशबू कुमारी(14), अंजली कुमारी (12), पीयूष कुमार (9) चारों बच्चों ने बताया कि बारिश का मौसम था इसलिए आज मां ने ही कुछ देर पहले नौ बजे रात्रि को भोजन दे दिया था. वह लोग खाना खाकर सोने की तैयारी में थे कि इस बीच उन लोगों को बाहर गाली गलौज करने की आवाज सुनायी दी. उन लोगों ने बाहर जाकर देखा तो 10 से अधिक लोग उसके घर के तरफ बढ़े चले आ रहे थे. बच्चों ने बताया कि सभी लोग उसकी मां और पिता को गाली दे रहे हैं. यह देखते ही सभी बच्चे डर से सहम गये थे. जब सभी लोग घर के पास आ गये तो उस समय मां भी बाहर ही थी.
बच्चों ने बताया कि अपराधियों में से एक ने मां को गंदी-गंदी गाली देते हुए कहा कि तुमने डायन जोगिन करके उसकी गाय को बीमार कर दिया है. अभी तुम्हें चलना होगा और गाय को ठीक करना होगा. डायन कहने का विरोध पिता बदरी साह ने किया, तो सभी लोग मिल कर बुरी तरह से पिटाई करने लगे. किसी तरह वह जान बचा कर भागे. बच्चों ने कहा कि इसके बाद अपराधी उसकी मां पर टूट पड़े. उन लोगों ने अपराधियों का विरोध किया, लेकिन अपराधियों ने काशी को जोरदार धक्का मार कर गिरा दिया. बच्चों ने कहा कि उन्होंने मां को ले जाने से रोका, लेकिन अपराधियों ने उन्हें कब्जे में ले लिया.
इसके बाद वह लोग कुछ नहीं कर पाये. बच्चों की आंखों में खौफ स्पष्ट दिख रहा था. सभी बच्चों को अपनी मां को नहीं बचा पाने का मलाल था. सभी बच्चे अपनी मां के क्षत विक्षत शव को देख कर खुल कर रो भी नहीं पा रहे थे. सबसे छोटा लड़का पीयूष फूट-फूट कर जरूर रो रहा था, लेकिन अन्य बच्चे अपनी मां के शव को एक टक देखे जा रहे थे. बच्चों की हालत देख कर स्थानीय लोग हाय काट रहे थे. बच्चों का कहना था कि सभी अपराधी उसके घर पास ही रह कर खेती बारी करते हैं. अब उन लोगों के जान का खतरा है.