न सड़क बनी, न बदली गयी बॉल-बेयरिंग

विक्रमशिला सेतु मरम्मत कार्य हुआ ठप, छह माह में एक काम भी पूरा नहीं भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की मरम्मत का काम ठप है. छह माह होने को है, लेकिन पुल की मरम्मत का कोई भी काम पूरा नहीं हो सका है. सेतु की न तो सड़क बन सकी है और न ही इसके पाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 4:11 AM

विक्रमशिला सेतु मरम्मत कार्य हुआ ठप, छह माह में एक काम भी पूरा नहीं

भागलपुर : विक्रमशिला सेतु की मरम्मत का काम ठप है. छह माह होने को है, लेकिन पुल की मरम्मत का कोई भी काम पूरा नहीं हो सका है. सेतु की न तो सड़क बन सकी है और न ही इसके पाये की बाॅल-बेयरिंग बदली जा सकी है. ज्वाइंट एक्सपेंशन भी नहीं बदलाया है. अब कहा जा रहा है कि बरसात के बाद काम होगा. हालांकि मरम्मत का काम डेढ़ साल का है और काम पूरा होने में अभी लगभग साल भर बाकी है.
मगर, ऐसा ही अगर रहा, तो यह काम बाकी बचे साल भर में भी पूरा नहीं हो सकेगा.
दरअसल, सेतु की मरम्मत का काम जिस कार्य एजेंसी को मिला है, वह काम कम बहानेबाजी ज्यादा कर रही है. इसके चलते अभी तक में केवल सेतु की सड़क बनी है और इस पर मास्टिक कोट चढ़ाया नहीं जा सका है. 22 मई से अभी तक में 4.7 किमी लंबे सेतु का लगभग एक किमी ही मास्टिक एस्फॉल्ट का काम हुआ है.
बरारी अोर से सेतु के डी-जोन के पाये का बॉल-बेरिंग को ही मरम्मत कर फिट किया गया. नवगछिया की ओर बी और सी-जोन के पायों के बॉल-बेयरिंग की मरम्मत कर फिट करने का काम भी अधूरा है. गंगा नदी के बीच में ए-जोन के सभी पायों का बॉल-बेयरिंग बदलने का काम शुरू नहीं हो सका है. पुल निर्माण निगम को विशेषज्ञ मिल नहीं रहा है. निगम को बॉल-बेयरिंग और एक्सपेंशन ज्वाइंट भी नहीं मिल रहा है. इस मामले में पुल निर्माण निगम विशेष कार्य प्रमंडल, खगड़िया के वरीय परियोजना अभियंता विजय कुमार से बात करने की कोशिश की गयी, मगर बात नहीं हो सकी.
ऐसे होती रही बहानेबाजी : सेतु की मरम्मत का काम मार्च से सड़क को उखाड़ने से शुरू हुआ. कार्य एजेंसी ने सड़क उखाड़ने में ही एक माह से ज्यादा समय लगा दिया. इसके बाद सात अप्रैल से सड़क बनाना शुरू किया और पूरा करने में डेढ़ माह लगा दिया. हालांकि, इस बीच डी-जोन के सेतु के पायों के बॉल-बेरिंग की मरम्मत कर लगाया है. मगर, रबर पैड नहीं मिलने के चलते इस काम में भी देरी हुई. वहीं 22 मई से निर्माणधीन सड़क पर मास्टिक कोट चढ़ाने का काम शुरू किया है मगर, तीन माह बाद भी यह अभी तक अधूरा है. फिलहाल बरसात का बहाने काम रोक दिया है.
बॉल-बेयरिंग व एक्सपेंशन ज्वाइंट का टेंडर अभी तक फाइनल नहीं : मुंबई की कार्य एजेंसी रोहरा रीबिल्ड एसोसिएट ने जब बॉल-बेरिंग व एक्सपेंशन ज्वाइंट को लेकर जब हाथ खड़े कर दिये, तो पुल निर्माण निगम ने इच्छुक कार्य एजेंसी, फर्म, कांट्रैक्टर आदि से कोटेशन आमंत्रित किया गया. मगर, कोई भी कार्य एजेंसी, फर्म व कांट्रैक्टर ने टेंडर नहीं डाला. इसके बाद चलते दोबारा निकाला गया है मगर, यह अबतक फाइनल नहीं हो सका है.
बॉल-बेयरिंग और एक्सपेंशन ज्वाइंट के अभाव में कार्य ठप
पुल निर्माण निगम बरसात का बहाना बना रहा है मगर, यहां बॉल-बेरिंग और एक्शपेंशन ज्वाइंट नहीं मिलने से काम ठप है. वहीं एक्सपर्ट नहीं मिलने से बीच गंगा में ए-जोन के पायों का बॉल-बेयरिंग नहीं बदला जा सका है. पुल निर्माण निगम को एक्सपर्ट नहीं मिल रहा है.

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