जल संरक्षण जरूरी : वीसी

भागलपुर: जल के स्नेत सीमित हैं. ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये वैज्ञानिक, शिक्षक व छात्र जल-संरक्षण पर स्वस्थ परिचर्चा करेंगे. ये बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने गजाधर भगत महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में बुधवार को कहीं. सेमिनार का विषय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2014 10:13 AM

भागलपुर: जल के स्नेत सीमित हैं. ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये वैज्ञानिक, शिक्षक व छात्र जल-संरक्षण पर स्वस्थ परिचर्चा करेंगे. ये बातें तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे ने गजाधर भगत महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में बुधवार को कहीं. सेमिनार का विषय जलवायु पर्तिन के दौर में जल संरक्षण निर्धारित है.

अतिथियों ने अशोक कुमार झा लारा संपादित रिसर्च जनल जल-चिंतन का लोकार्पण किया़ कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो जयप्रकाश सिंह ने कुलपति व प्रतिकुलपति का स्वागत किया. प्रतिकुलपति ने जल संरक्षण के उपाय बताय़े आइआइटी की प्रो अंजली पॉल ने एडवांस ऑक्सिडेशन प्रक्रि या के बारे में बताया. इलाहाबाद विवि के प्रो आर के दुबे, जादवपुर विवि के पिनाकी भट्टाचार्य, बिहार कृषि विवि के डॉ अरूण कुमार झा, हेरिटेज विवि के स्वामी वेदजनंदन व प्रो विवेकानंद मिश्र ने व्याख्यान दिये. दूसरे सत्र में कुलपति ने पोस्टर प्रदर्शनी का जायजा लिया. कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन सेमिनार संयोजक डॉ अशोक कुमार झा ने किया़ सेमिनार में 150 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया़

जमीनदाताओं के नामपट्ट का किया उदघाटन
कुलपति ने महाविद्यालय के जमीनदाताओं के नामपट्ट का उदघाटन किया़ जमीनदाता परिवार के सदस्यों ने कुलपति का पुष्पमाला से सम्मान किया़ प्रभारी प्राचार्य प्रो जयप्रकाश सिंह ने कुलपति से दाता परिवार के वंशजों का परिचय कराया़ नवगछिया बाजार निवासी स्व बाबू रामवृक्ष राम व बाबू देवनारायण की स्मृति में उनके पुत्रों ने कॉलेज के लिए 1963 में जमीन दी थी़ दाता परिवार की ओर से नागेंद्र कुमार भगत ने कुलपति से महाविद्यालय में बीएड शिक्षा शुरू करवाने का अनुरोध किया़ दाता परिवार के अजय शंकर प्रसाद भगत, संजय प्रसाद भगत, श्यामसुंदर भगत, प्रो नागेंद्र भगत, अनिल भगत, कमलकिशोर, अखिलेश, निलेश व समाजसेवी शिक्षाविद गजाधर प्रसाद मौजूद थ़े.

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