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महापुरुषों ने भरा था युवाओं में जोश

शहर के महत्वपूर्ण स्थान जहां से हुआ था ऐतिहासिक संबोधन, यहां झंडोत्तोलन भी महत्वपूर्ण भागलपुर : भागलपुर क्रांतिकारियों व महापुरुषों के लिए खास रहा है. आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए यहां आकर महापुरुषों ने कई सभाएं की थी. युवाओं में जोश भरा था, ताकि आजादी की लड़ाई के साथ-साथ समाज के विकास […]

शहर के महत्वपूर्ण स्थान जहां से हुआ था ऐतिहासिक संबोधन, यहां झंडोत्तोलन भी महत्वपूर्ण

भागलपुर : भागलपुर क्रांतिकारियों व महापुरुषों के लिए खास रहा है. आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए यहां आकर महापुरुषों ने कई सभाएं की थी. युवाओं में जोश भरा था, ताकि आजादी की लड़ाई के साथ-साथ समाज के विकास में भी युवा योगदान दें. इसी क्रम में उन्होंने तिरंगा फहराकर अपनी लड़ाई का बिगुल फूंका.
लाजपत चिल्ड्रेन पार्क में बापू ने फहराया था तिरंगा
वयोवृद्ध मुकुटधारी अग्रवाल ने बताया िक चिल्ड्रेन पार्क स्थित भवन के सामने राष्ट्रपति महात्मा गांधी पूर्वी बिहार में आये भूकंप के बाद 1935 में पधारे थे. तत्कालीन एमएलसी रामेश्वर नारायण अग्रवाल, दीप नारायण सिंह के साथ अपना उद्बोधन दिया था. इसी क्रम में उन्होंने तिरंगा फहराकर आजादी का बिगुल फूंका था. समय-समय पर महात्मा गांधी भागलपुर आते रहे.
सर्वपल्ली ने बताया था समय का महत्व
प्रथम उप राष्ट्रपति सह दार्शनिक सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन 1946 में बीएचयू के कुलपति के रूप में सीएमएस ग्राउंड पर अपना उद्बोधन दिया था. वे शिक्षाविद् निशिकांत मिश्रा के आमंत्रण पर भागलपुर आये थे और लोगों को समय के महत्व के बारे में बताया था. उन्होंने देश की आजादी व सामाजिक विकास पर भी चर्चा की थी.
सैंडिस कंपाउंड में चाचा नेहरू ने की थी सभा
चेंबर अध्यक्ष शैलेंद्र सराफ ने बताया िक प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू दो बार भागलपुर आये, जबकि एक बार एक संस्थान के उद्घाटन के लिए पधारे थे. 1957 में सैंडिस कंपाउंड ग्राउंड में अपनी सभा में उन्होंने युवाओं में सामाजिक विकास के लिए जोश भरा था. उन्होंने आजादी की लड़ाई में महापुरुषों की कुरबानी की याद दिलायी थी.
टीएनबी कॉलेज पधारे थे लौह पुरुष
स्वतंत्रता आंदोलन के क्रम में लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल 1929 में भागलपुर आये थे. मुंगेर में बिहार प्रांतीय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे. छात्रों के आमंत्रण पर टीएनबी कॉलेज पहुंचे और यहां पर अहिंसा व किसानों के प्रति छात्रों के कर्तव्य पर प्रकाश डाला था.
राष्ट्रकवि दिनकर ने विश्वविद्यालय परिसर में फहराया था तिरंगा
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पद को सुशोभित कर चुके हैं. वे 10 जनवरी 1964 से 03 मई 1965 तक कुलपति के पद पर रहे. इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया था.

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