किसानों का 48 करोड़ से ज्यादा डकार गया बैंक

भागलपुर : बैंकों पर चल रहे सरकारी राशि के गबन का एक और मामला प्रकाश में आया है. द भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक अब इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के संबंधित शाखा के प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज करायेगा. इसको लेकर सहकारी बैंक के निदेशक परिषद मंडल की गुरुवार को बैठक हुई, इसमें उक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2017 4:24 AM

भागलपुर : बैंकों पर चल रहे सरकारी राशि के गबन का एक और मामला प्रकाश में आया है. द भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक अब इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के संबंधित शाखा के प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज करायेगा. इसको लेकर सहकारी बैंक के निदेशक परिषद मंडल की गुरुवार को बैठक हुई, इसमें उक्त दोनों बैंक पर कुल 48 करोड़ 75 हजार रुपये के गबन करने का आरोप लगाया है. इन दोनों बैंक में सहकारी बैंक ने अपना स्वीप खाता खुलवा रखा है.

नौ अगस्त को खाता विवरणी में कुल 48 करोड़ 75 हजार रुपये की राशि कम पायी गयी है. द भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि नौ अगस्त के खाता विवरणी में पैसा कम होने को लेकर निदेशक परिषद की आपात बैठक हुई. इसमें इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता में अचानक राशि का गबन होने में आश्चर्य व्यक्त किया गया. बैठक में बैंक के प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार को तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा गया है.

उन्होंने कहा कि को-ऑपरेटिव बैंक में जो राशि जमा होती है, वह बाजार में लगायी जाती है. इसके तहत बैंकों में स्वीप खाता खोला जाता है. सामान्य खाता से अलग स्वीप खाता में ब्याज अपेक्षाकृत अधिक होता है. इस तरह बैंक को आय होती है. उनके मुताबिक, स्वीप खाता में राशि का खाता विवरणी 31 मार्च को ली गयी. इसके बाद खाता से राशि निकालने का मौका नहीं मिला. जब नौ अगस्त को किसी मामले को लेकर स्वीप खाता की राशि की जानकारी ली गयी तो पिछली राशि से कम राशि पायी गयी. जो प्रथम दृष्टया गबन लग रहा है. उनके अनुसार, को-ऑपरेटिव बैंक का ब्याज सहित इंडियन बैंक में 30 करोड़ 17 लाख 52 हजार 612 रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा में 18 करोड़ 55 हजार 479 रुपये 33 पैसे होने चाहिए.

द भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक दर्ज करायेगा मामला
बैंक के निदेशक परिषद मंडल की बैठक में लिया निर्णय

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